मंकीपॉक्स वायरस (Monkeypox Virus) विभिन्न देशों में बड़ी तेजी से पांव पसार रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 11 देशों में मंकीपॉक्स वायरस के 80 मामलों की पुष्टि की है. साथ ही ये भी कहा है कि वे वायरस के आउटब्रेक के कारण और इसके प्रकोप की सीमा को समझने के लिए लगातार काम कर रहे हैं. इससे पहले इसी सप्ताह की शुरुआत में संगठन की ओर से कहा गया था कि ये वायरस कई देशों में कुछ जानवरों की आबादी में स्थानिक है, जिससे स्थानीय लोगों और यात्रियों में कभी-कभार इसका प्रसार होता है.
गैर-स्थानिक देशों में हो रहा है प्रसार
एक बयान में डब्ल्यूएचओ ने कहा, " संगठन और उसके अन्य साथी साथ मिलकर काम कर रहे हैं ताकि ये समझा जा सके कि वायरस के आउटब्रेक का कारण और इसके प्रकोप की सीमा क्या है. ये वायरस कई देशों में कुछ जानवरों की आबादी में स्थानिक है, जिससे स्थानीय लोगों और यात्रियों में कभी-कभार इसका प्रसार होता है. हालांकि, हाल ही में 11 देशों में रिपोर्ट किए गए प्रकोप असामान्य हैं, क्योंकि वे गैर-स्थानिक देशों में हो रहे हैं."
बयान में कहा गया, " अब तक 80 केसों की पुष्टि हुई है. जबकि 50 सैंपल्स की अभी जांच की जा रही है, जिसके परिणाम पेंडिंग हैं. ऐसे में जैसे-जैसे जांच की संख्या बढ़ेगी वैसे ही नए मामलों की संख्या भी बढ़ सकती है."
मंकीपॉक्स वायरस COVID-19 से अलग
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि उसे रोग निगरानी का विस्तार करने के लिए स्थानिक देशों में चल रहे प्रकोप की स्थितिके आधार पर अपडेट मिल रहे हैं. संगठन की ओर से कहा गया, " मंकीपॉक्स वायरस COVID-19 से अलग तरह से फैलता है. ऐसे में लोगों से अपील है कि वो अपने समुदाय में वायरस के प्रकोप की सीमा, लक्षण और रोकथाम के बारे में विश्वसनीय स्रोतों, जैसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य अधिकारियों से अपडेट लेते हैं."
बता दें कि मंकीपॉक्स वायरस एक वायरल जूनोसिस (एक ऐसा वायरस जो मनुष्यों में जानवर से आता है) है. वहीं, इसके लक्षण भी स्मॉल पाक्स के लक्षणों के सामान है. हालांकि, ये स्मॉल पॉक्स से कम सिवियर है. डब्ल्यूएचओ के अनुसार, मंकीपॉक्स से पीड़ित इंसान बुखार, दाने और सूजी हुई लिम्फ नोड्स से पीड़ित हो सकता है. लेकिन इस कारण कई समस्याएं हो सकती हैं, जो आमतौर पर 2 से 4 सप्ताह तक रह सकती हैं.
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