पीएम मोदी, जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ
कुआलालंपुर:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अपने जापानी समकक्ष शिंजो आबे से मुलाकात की और जापान को 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया। दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय कनेक्टिविटी, समुद्री सुरक्षा और दक्षिण चीन सागर विवाद जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की।
मोदी और आबे ने मलेशिया की राजधानी में 13वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन से इतर दोपहर के भोज पर मुलाकात की। आबे ने कहा कि दुनिया में किसी द्विपक्षीय संबंधों की तुलना में भारत-जापान संबंधों में सबसे अधिक संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से चाहते हैं कि भारत-जापान विशेष सामरिक एवं वैश्विक भागीदारी का विस्तार हो।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जापान के साथ भारत के काम करने में गहरी रुचि दिखाई और जापानी कंपनियों को 'मेक इन इंडिया' खासकर रक्षा क्षेत्र में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया।
स्वरूप ने कहा कि दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और समुद्री सुरक्षा तथा इस संदर्भ में दक्षिण चीन सागर के मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत चाहता है कि दक्षिण चीन सागर के विवाद से जुड़े सभी पक्ष दक्षिण चीन सागर में पक्षों के आचार व्यवहार संबंधी घोषणा को लागू करने के दिशानिर्देशों का पालन करें और सर्वानुमति के आधार पर जल्द से जल्द एक आचार संहिता को अपनाने के प्रयासों को दोगुना करें। इससे पहले मोदी ने अपने चीनी समकक्ष ली क्विंग से मुलाकात की।
मारुति सुजुकी द्वारा भारत में ऑटोमोबाइल उद्योग के स्वरूप को बदलने को रेखांकित करते हुए मोदी ने कहा कि इस शताब्दी के आखिरी पचास साल में विश्व में हुए सभी बदलावों में जापान की एक भूमिका रही है।
मोदी और आबे ने मलेशिया की राजधानी में 13वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन से इतर दोपहर के भोज पर मुलाकात की। आबे ने कहा कि दुनिया में किसी द्विपक्षीय संबंधों की तुलना में भारत-जापान संबंधों में सबसे अधिक संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से चाहते हैं कि भारत-जापान विशेष सामरिक एवं वैश्विक भागीदारी का विस्तार हो।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जापान के साथ भारत के काम करने में गहरी रुचि दिखाई और जापानी कंपनियों को 'मेक इन इंडिया' खासकर रक्षा क्षेत्र में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया।
स्वरूप ने कहा कि दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और समुद्री सुरक्षा तथा इस संदर्भ में दक्षिण चीन सागर के मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत चाहता है कि दक्षिण चीन सागर के विवाद से जुड़े सभी पक्ष दक्षिण चीन सागर में पक्षों के आचार व्यवहार संबंधी घोषणा को लागू करने के दिशानिर्देशों का पालन करें और सर्वानुमति के आधार पर जल्द से जल्द एक आचार संहिता को अपनाने के प्रयासों को दोगुना करें। इससे पहले मोदी ने अपने चीनी समकक्ष ली क्विंग से मुलाकात की।
मारुति सुजुकी द्वारा भारत में ऑटोमोबाइल उद्योग के स्वरूप को बदलने को रेखांकित करते हुए मोदी ने कहा कि इस शताब्दी के आखिरी पचास साल में विश्व में हुए सभी बदलावों में जापान की एक भूमिका रही है।
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