अफगानिस्तान से भारतीयों की वापसी पर विदेश मंत्रालय का बयान आया है. विदेश मंत्रालय ने कहा, अफगानिस्तान में पिछले कुछ दिनों से हालात बहुत तेजी से बदल रहे हैं. भारत सरकार अफगानिस्तान के घटनाक्रमों पर बारीक निगाह रखे हुई है. हमने वहां मौजूद अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए लगातार एडवाइजरी जारी करते रहे हैं, जिसमें लौटने की अपील भी शामिल है. कुछ भारतीय अभी भी वहां हैं और उनके संपर्क में हैं जो लौटना चाहते हैं.
साथ ही कहा, हम अफगान सिख और हिन्दू समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ भी संपर्क में हैं. जो भारत आना चाहेंगे हम उनकी मदद करेंगे. ऐसे अफगानी भी हैं, जिन्होंने हमारे साझा कामों में भागीदार रहे हैं. हम उनका साथ देंगे. काबुल में कमर्शियल ऑपरेशन आज रोक दिया गया, जिससे वापसी के हमारे काम पर असर पड़ा. हम फ्लाइट्स के फिर से चालू होने का इंतजार कर रहे हैं. अफगानिस्तान के हालात की लगातार उच्चतम स्तर पर समीक्षा की जा रही है. सरकार अफगानिस्तान में भारतीय नागरिकों और हितों की रक्षा के लिए हर कदम उठाएगी.
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे से महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए चिंतित : मलाला
न्यूज एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षा लेखी ने पड़ोसी देश अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर सोमवार को कहा कि भारत पूरी दुनिया में शांति चाहता है. अफगानिस्तान की स्थिति पर पूछे गये एक सवाल के जवाब में नई दिल्ली से सांसद लेखी ने कहा, ‘भारत पूरी दुनिया में शांति चाहता है.'
राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश से चले जाने के बाद रविवार को राजधानी काबुल पर तालिबान का कब्जा हो गया और इसी के साथ दो दशक के उस अभियान का आश्चर्यजनक अंत हो गया जिसमें अमेरिका और उसके सहयोगियों ने देश को बदलने की कोशिश की थी.
अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को कैसे निकाला जाए?
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