पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ ने पहली बार माना है कि मुंबई हमले में पाकिस्तानी आतंकवादियों का हाथ था. पाकिस्तानी अख़बार डॉन न्यूज़ को दिए इंटरव्यू में शरीफ़ ने इस बात पर भी सवाल उठाए कि हमले से जुड़ी ट्रायल को पूरा क्यों नहीं किया जा रहा. पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ ने मुंबई हमले में पाकिस्तानी आतंकवादियों के शामिल होने की बात क़बूली है. डॉन न्यूज़ को दिए इंटरव्यू में नवाज़ शरीफ़ ने पाकिस्तान की हालत पर सवाल उठाते हुए कहा कि “आतंकी संगठन सक्रिय हैं. चाहे उन्हें नॉन स्टेट एक्टर कहें लेकिन क्या हमें उन्हें सीमा पार जाकर मुंबई में 150 लोगों की हत्या करने देना चाहिए? हम ट्रायल पूरा क्यों नहीं कर सकते?”
ग़ौरतलब है कि पाकिस्तान में अभी भी शरीफ़ की पार्टी की ही सरकार है. ऐसे में सवाल कि क्या शरीफ़ के क़बूलनामे के बाद भी पाक सरकार कुछ करेगी?
शरीफ़ के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए गृह राज्यमंत्री हंसराज अहिर ने कहा है कि हम हमेशा से ये कहते रहे हैं जो पूर्व पीएम ने अब क़बूला है. उम्मीद है कि वहां कि मौजूदा सरकार आतंकवाद रोकने के कारगर क़दम उठाएगी. हाफ़िज़ सईद मुंबई हमले का मास्टरमाइंड है, भारत इसके तमाम सबूत पाक को पेश कर चुका है. पर उसे और उसके साथियों को अब तक सज़ा नहीं मिली है.
इस बयान के ज़रिए शरीफ़ दरअसल पाकिस्तान की सेना पर सवाल उठा रहे हैं. 2013 में तीसरी बार प्रधानमंत्री बने नवाज़ शरीफ़ को भ्रष्टाचार के आरोप में जुलाई 2017 में न सिर्फ पद से हटा दिया गया बल्कि सुप्रीम कोर्ट ने उनके आजीवन चुनाव लड़ने पर भी पाबंदी लगा दी है. इसके पीछे की वजह सेना से उनकी दुश्मनी को माना जा रहा है. इस साल चुनाव में अपनी पार्टी को जीत दिलाने की कोशिश में जुटे नवाज़ शरीफ़ के बयान से साफ़ है कि देश में चुनी हुई सरकार की नहीं बल्कि सेना की चलती है.
नवाज़ शरीफ़ ने बेशक अब क़बूला तो पर ये पहला मौक़ा नहीं है जब मुंबई हमले में पाकिस्तानी आतंकियों का हाथ क़बूला गया हो. 2009 में तत्कालीन पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी सरकार के गृहमंत्री रहमान मलिक ने डेढ़ घंटे की प्रेस कॉंफ़्रेंस कर पूरा ब्योरा दिया था कि मुंबई हमले को किस तरह से पाकिस्तान की ज़मीन से अंजाम दिया गया. हालांकि न तो पीपीपी और न ही नवाज़ की सरकार ने दोषियों को सज़ा दिलायी है.
ग़ौरतलब है कि पाकिस्तान में अभी भी शरीफ़ की पार्टी की ही सरकार है. ऐसे में सवाल कि क्या शरीफ़ के क़बूलनामे के बाद भी पाक सरकार कुछ करेगी?
शरीफ़ के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए गृह राज्यमंत्री हंसराज अहिर ने कहा है कि हम हमेशा से ये कहते रहे हैं जो पूर्व पीएम ने अब क़बूला है. उम्मीद है कि वहां कि मौजूदा सरकार आतंकवाद रोकने के कारगर क़दम उठाएगी. हाफ़िज़ सईद मुंबई हमले का मास्टरमाइंड है, भारत इसके तमाम सबूत पाक को पेश कर चुका है. पर उसे और उसके साथियों को अब तक सज़ा नहीं मिली है.
इस बयान के ज़रिए शरीफ़ दरअसल पाकिस्तान की सेना पर सवाल उठा रहे हैं. 2013 में तीसरी बार प्रधानमंत्री बने नवाज़ शरीफ़ को भ्रष्टाचार के आरोप में जुलाई 2017 में न सिर्फ पद से हटा दिया गया बल्कि सुप्रीम कोर्ट ने उनके आजीवन चुनाव लड़ने पर भी पाबंदी लगा दी है. इसके पीछे की वजह सेना से उनकी दुश्मनी को माना जा रहा है. इस साल चुनाव में अपनी पार्टी को जीत दिलाने की कोशिश में जुटे नवाज़ शरीफ़ के बयान से साफ़ है कि देश में चुनी हुई सरकार की नहीं बल्कि सेना की चलती है.
नवाज़ शरीफ़ ने बेशक अब क़बूला तो पर ये पहला मौक़ा नहीं है जब मुंबई हमले में पाकिस्तानी आतंकियों का हाथ क़बूला गया हो. 2009 में तत्कालीन पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी सरकार के गृहमंत्री रहमान मलिक ने डेढ़ घंटे की प्रेस कॉंफ़्रेंस कर पूरा ब्योरा दिया था कि मुंबई हमले को किस तरह से पाकिस्तान की ज़मीन से अंजाम दिया गया. हालांकि न तो पीपीपी और न ही नवाज़ की सरकार ने दोषियों को सज़ा दिलायी है.
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