गूगल (Google) ने अपने डूडल (Doodle) में गुरुवार को वायरोलॉजिस्ट (virologist) मिचियाकी ताकाहाशी (Michiaki Takahashi) को सम्मानित किया है जिन्होंने सबसे पहले चिकनपॉक्स (chickenpox) की वैक्सीन बनाई थी. गूगल ने 13 देशों में अपने लोगो (Logo) को ताकाहाशी को श्रद्धांजलि देते हुए उनके जन्मदिन पर बदला है. जापानी वैज्ञानिक मिचियाकी ताकाहाशी को प्रमुख तौर पर चिकिनपॉक्स की वरीसेला वैक्सीन (varicella vaccine) बनाने के लिए जाना जाता है. फोर्ब्स के अनुसार 1963 में ताकाहाशी का छोटा बेटा बहुत बीमार हो गया था. उसे तेज बुखार के साथ शरीर पर लाल चकत्ते हो गए थे. फिर वो चकत्ते बड़े छालों में बदल गए और फिर उसके पूरे शरीर पर खुले घाव हो गए. वो अमेरिका के उन करोड़ों बच्चों में से एक था जिन्हें 1995 तक हर साल चिकिनपॉक्स बीमारी होती थी. लेकिन मिचियाकी एक डॉक्टर थे जो बेलर यूनिवर्सिटी में रिसर्च फेलोशिप पर जापान से टेक्सास आए थे. मिचियाकी ने इस बीमारी का समाधान खोजने की ठानी.
डॉ ताकाहाशी 1965 में जापान लौट आए और वहां उन्होंने इंसानों पर चिकनपॉक्स वायरस को लेकर शोध शुरू किया. करीब 10 साल बाद 1974 में चिकनपॉक्स फैलाने वाले varicella virus की पहली वैक्सीन बनाई. चिकिनपॉक्स वैक्सीन पर कई रिसर्च और ट्रायल्स हुए. इसे रोगप्रतिरोधी क्षमता के बगैर वाले मरीजों पर भी आजमाया गया. लेकिन ओका के नाम से प्रसिद्ध ताकाहाशी की वैक्सीन संक्रामक चिकनपॉक्स से लड़ने में बेहद कारगर थी.
1986 में ओसाका यूनिवर्सिटी के माइक्रोबियल बीमारियों पर काम करने वाले रिसर्च फाउंडेशन में जहां वो पहले काम करते थे, वहां से जापान में पहली बार चिकिनपॉक्स वैक्सीन लगाई जानी शुरू की गई. यह विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से मंजूर varicella vaccine की इकलौती वैक्सीन थी. जल्द ही 80 देशों में डॉ ताकाहाशी की वैक्सीन लगाई जाने लगी. 1994 में वायरोलॉजिस्ट ताकाहाशी को ओसाका यूनिवर्सिटी के माइक्रोबियल डिज़ीज़ स्टडी ग्रुप का डायरेक्टर बनाया गया.
अल जज़ीरा लिखता है कि 1928 में जापान के ओसाका में पैदा हुए ताकाहाशी अगर आज ताकाहाशी ज़िंदा होते तो वो 17 फरवरी को 94 साल के हो जाते. ताकाहाशी ने ओसाका से ही 1954 में मेडिकल डिग्री हासिल की थी. फिर अमेरिका पहुंच कर रिसर्च का काम किया. मिचियाकी ताकाहाशी (Michiaki Takahashi) ने ना केवल चिकनपॉकस की वैक्सीन की खोज की बल्कि उन्हें मीजल्स (measles) और पोलियो (polio) की वैक्सीन पर रिसर्च के लिए भी जाना जाता है. ताकाहाशी का 2013 में निधन हो गया था.
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