न्यूयॉर्क:
ऐसा कई बार देखा गया है कि बीमारी के समय उपयोग में लाई जाने वाली दवाएं बाद में अपना गलत असर भी दिखाती हैं। चिकनपॉक्स और दाद जैसी बीमारियों में इस्तेमाल होने वाले टीके आपकी आंखों में सूजन पैदा कर सकते हैं। एक नए शोध से पता चला है कि पिछले 20 सालों से विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्देशित चिकनपॉक्स वैक्सीन के इस्तेमाल से कुछ रोगियों की आंखों में कार्निया सूजन की शिकायत मिली है।
अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ मिसूरी स्कूल ऑफ मेडिसिन के डॉक्टर फ्रेडरिक फ्रानफेल्डर के अनुसार “नैशनल और इंटरनैशनल की केस रिपोर्ट पर अध्ययन में 20 ऐसे मामले मिले हैं, जिन्हें इस वैक्सीन के इस्तेमाल से आंखों की परेशानी हुई है।” फ्रानफेल्डर का कहना है कि हालांकि यह एक असाधारण घटना है लेकिन डॉक्टरों को यह वैक्सीन देने से पहले रोगी का इतिहास जान लेना ज़रूरी है। अगर उन्हें कभी यह परेशानी हुई है, तो इस वैक्सीन द्वारा वह फिर से सक्रिय हो सकती है। युवाओं में यह लक्षण वैक्सीन के 24 दिनों के अंदर दिखाई देते हैं। वहीं बच्चों में इसका असर 14 दिनों के अंदर होने लगता है। यह शोध साल 2015 में लॉस वेगास में आयोजित हुए अमेरिकन एकेडमी ऑफ ऑप्थेल्मोलॉजी में प्रस्तुत किया गया था।
अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ मिसूरी स्कूल ऑफ मेडिसिन के डॉक्टर फ्रेडरिक फ्रानफेल्डर के अनुसार “नैशनल और इंटरनैशनल की केस रिपोर्ट पर अध्ययन में 20 ऐसे मामले मिले हैं, जिन्हें इस वैक्सीन के इस्तेमाल से आंखों की परेशानी हुई है।” फ्रानफेल्डर का कहना है कि हालांकि यह एक असाधारण घटना है लेकिन डॉक्टरों को यह वैक्सीन देने से पहले रोगी का इतिहास जान लेना ज़रूरी है। अगर उन्हें कभी यह परेशानी हुई है, तो इस वैक्सीन द्वारा वह फिर से सक्रिय हो सकती है। युवाओं में यह लक्षण वैक्सीन के 24 दिनों के अंदर दिखाई देते हैं। वहीं बच्चों में इसका असर 14 दिनों के अंदर होने लगता है। यह शोध साल 2015 में लॉस वेगास में आयोजित हुए अमेरिकन एकेडमी ऑफ ऑप्थेल्मोलॉजी में प्रस्तुत किया गया था।
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