फाइल फोटो
पेरिस:
हिंद महासागर में फ्रांसीसी द्वीप रियुनियन पर पाए गए विमान के मलबे को फ्रांस के टॉलॉज भेजा जाएगा। जनरल डाइरेक्टोरेट ऑफ अर्मामेंट मलबे का अध्ययन करेगा। यह जानकारी मीडिया रपट से शुक्रवार को सामने आई। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, मलबा शनिवार को टॉलॉज लाया जाएगा और घटना के बाद जांच करने में विशेषज्ञ प्रयोगशाला में इसका अध्ययन किया जाएगा।
मलबा आसानी से पहचान लिया जाएगा, क्योंकि हर टुकड़ा विमान से जुड़ा लगता है। विमान का मलबा बुधवार को पाया गया, इसकी घोषणा द्वीप ने गुरुवार को की। रपट के मुताबिक, "बुधवार सुबह तट के नजदीक विमान का मलबा मिला। इस फिलहाल यह पता नहीं चल पाया है कि यह मलबा कहां से आया।" फ्रांस के बीईए मलेशिया तथा ऑस्ट्रेलिया के विशेषज्ञों के साथ मलबे का अध्ययन कर रहा है।
उड्डयन विशेषज्ञ ने कहा कि जो तस्वीरें अब तक दिखाई गई हैं, उससे यह बोइंग 377 के डैने जैसा लग रहा है, जिसका इस्तेमाल इस विमान में ही किया जाता है। गौरतलब है कि सात मार्च, 2014 की आधी रात को कुआलालंपुर से बीजिंग जा रहा मलेशियन एयरलाइंस का बोइंग 777 विमान लापता हो गया था। इसमें 239 यात्री सवार थे। माना जा रहा है कि यह मलबा इसी विमान का है। हालांकि, जल के अंदर और बाहर काफी तलाशी लिए जाने के बावजूद विमान का कुछ पता नहीं चल पाया है।
मलबा आसानी से पहचान लिया जाएगा, क्योंकि हर टुकड़ा विमान से जुड़ा लगता है। विमान का मलबा बुधवार को पाया गया, इसकी घोषणा द्वीप ने गुरुवार को की। रपट के मुताबिक, "बुधवार सुबह तट के नजदीक विमान का मलबा मिला। इस फिलहाल यह पता नहीं चल पाया है कि यह मलबा कहां से आया।" फ्रांस के बीईए मलेशिया तथा ऑस्ट्रेलिया के विशेषज्ञों के साथ मलबे का अध्ययन कर रहा है।
उड्डयन विशेषज्ञ ने कहा कि जो तस्वीरें अब तक दिखाई गई हैं, उससे यह बोइंग 377 के डैने जैसा लग रहा है, जिसका इस्तेमाल इस विमान में ही किया जाता है। गौरतलब है कि सात मार्च, 2014 की आधी रात को कुआलालंपुर से बीजिंग जा रहा मलेशियन एयरलाइंस का बोइंग 777 विमान लापता हो गया था। इसमें 239 यात्री सवार थे। माना जा रहा है कि यह मलबा इसी विमान का है। हालांकि, जल के अंदर और बाहर काफी तलाशी लिए जाने के बावजूद विमान का कुछ पता नहीं चल पाया है।
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