इस्लामाबाद:
ब्लैकबेरी निर्माता कम्पनी रिसर्च इन मोशन (रिम) ने कहा है कि वह उस गोपनीय संदेश से सम्बंधित आंकड़े जारी नहीं करेगी, जिनमें कहा गया था कि पिछले साल राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को सैन्य तख्तापलट का डर था।
'जियो न्यूज' की रपट के मुताबिक ब्लैकबेरी निर्माता ने उन आंकड़ों को जारी करने से इंकार कर दिया है, जिनके कारण पाकिस्तान में अमेरिकी राजदूत हुसेन हक्कानी को अपने पद से हटना पड़ा और सेना व राजनीतिक नेतृत्व के बीच तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी।
कनाडा में स्थित इस फोन निर्माता कम्पनी का कहना है कि उनके गोपनीयता नियम उसे किसी उपभोक्ता से सम्बंधित आंकड़े उसकी मर्जी के बिना किसी को उपलब्ध कराने से रोकते हैं। इसलिए पाकिस्तान को यह जानकारी नहीं दी जा सकती।
पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी व्यवसायी मंसूर एजाज ने पिछले साल मई में तत्कालीन अमेरिकी सैन्य प्रमुख जनरल माइक मुलेन को संदेश भेजा था।
रिम का कहना है कि उसने अपनी प्रतिक्रिया पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल को एक मोहरबंद पत्र के रूप में भेजी है।
बलूचिस्तान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश काजी फैज इसा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने सोमवार को इस मामले पर सुनवाई की।
अटॉर्नी जनरल मौलवी अनवारुल हक ने सोमवार को कहा कि ब्रिटेन में पाकिस्तानी उच्चायोग को निर्देश दिया गया है कि वह मंसूर एजाज का आवेदन मिलते ही उन्हें पाकिस्तानी वीजा जारी कर दे।
'जियो न्यूज' की रपट के मुताबिक ब्लैकबेरी निर्माता ने उन आंकड़ों को जारी करने से इंकार कर दिया है, जिनके कारण पाकिस्तान में अमेरिकी राजदूत हुसेन हक्कानी को अपने पद से हटना पड़ा और सेना व राजनीतिक नेतृत्व के बीच तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी।
कनाडा में स्थित इस फोन निर्माता कम्पनी का कहना है कि उनके गोपनीयता नियम उसे किसी उपभोक्ता से सम्बंधित आंकड़े उसकी मर्जी के बिना किसी को उपलब्ध कराने से रोकते हैं। इसलिए पाकिस्तान को यह जानकारी नहीं दी जा सकती।
पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी व्यवसायी मंसूर एजाज ने पिछले साल मई में तत्कालीन अमेरिकी सैन्य प्रमुख जनरल माइक मुलेन को संदेश भेजा था।
रिम का कहना है कि उसने अपनी प्रतिक्रिया पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल को एक मोहरबंद पत्र के रूप में भेजी है।
बलूचिस्तान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश काजी फैज इसा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने सोमवार को इस मामले पर सुनवाई की।
अटॉर्नी जनरल मौलवी अनवारुल हक ने सोमवार को कहा कि ब्रिटेन में पाकिस्तानी उच्चायोग को निर्देश दिया गया है कि वह मंसूर एजाज का आवेदन मिलते ही उन्हें पाकिस्तानी वीजा जारी कर दे।
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