
- भारतीय नाटककार और रंगमंच निर्देशक रतन थियम का बुधवार तड़के इम्फाल के रिम्स अस्पताल में निधन हो गया
- रतन थियम थिएटर ऑफ रूट्स आंदोलन के प्रमुख हस्तियों में से एक थे और भारतीय रंगमंच को समृद्ध किया
- उन्होंने प्राचीन भारतीय थिएटर को बढ़ावा देने के लिए नाटकों का लेखन और मंचन किया
Ratan Thiyam Passed Away: भारतीय नाटककार और रंगमंच निर्देशक रतन थियम का बुधवार तड़के 1.30 बजे इम्फाल के रिम्स अस्पताल में निधन हो गया है. रतन थियम भारतीय रंगमंच में "थिएटर ऑफ रूट्स" आंदोलन के अग्रणी अग्रणी हस्तियों में से एक थे. प्राचीन भारतीय थिएटर को रतन थियम ने आगे बढ़ाया. इसके लिए उन्होंने नाटकों को लिखने और मंचन का काम किया.
It is with deep sorrow that I express my heartfelt condolences on the passing of Shri Ratan Thiyam, a true luminary of Indian theatre and an esteemed son of Manipur. His unwavering dedication to his craft, his vision, and his love for Manipuri culture enriched not only the world… pic.twitter.com/20ZbKwGdZL
— N. Biren Singh (@NBirenSingh) July 23, 2025
सीएम एन. बीरेन सिंह ने दी भावपूर्ण श्रद्धांजली
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि, 'मैं अत्यंत दुःख के साथ भारतीय रंगमंच के एक सच्चे प्रकाशपुंज और मणिपुर के एक सम्मानित सपूत श्री रतन थियम के निधन पर अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं. अपनी कला, अपनी दूरदर्शिता और मणिपुरी संस्कृति के प्रति उनके अटूट समर्पण ने न केवल रंगमंच जगत को बल्कि हमारी पहचान को भी समृद्ध किया. उनके कार्यों में मणिपुर की आत्मा समाहित थी, जो उसकी कहानियों, उसके संघर्षों और उसकी सुंदरता के बारे में बताती थी.
मुख्यमंत्री आगे लिखते हैं, 'ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और उनकी आत्मा उनके द्वारा छोड़ी गई कृतियों और उनकी प्रेरित अनगिनत जीवन में सदैव जीवित रहे. हम सभी को हमारे सांस्कृतिक परिदृश्य में उनके अपार योगदान को याद करने की शक्ति मिले.'
मणिपुर हिंसा के दौरान केंद्र सरकार ने मांगी मदद
साल 2023 में हुई मणिपुर हिंसा को शांत करने के लिए गृह मंत्रालय ने 51 सदस्यीय शांति समिति में रतन थियम को रखने का फैसला किया था. हालांकि ने रतन थियम इस समिति का हिस्सा बनने से मना कर दिया.
संगीत नाटक अकादमी का मिला पुरस्कार
भारतीय नाटककार रतन थियम को साल 1987 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया. साल 2013 से 2017 तक वो राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (NSD) के अध्यक्ष रहे. इससे पहले संगीत नाटक अकादमी में उपाध्यक्ष की भूमिका निभाई थी.
प्रमुख नाटक
रतन थियम के नाटकों की बात करें तो उसमें करणभारम्, इम्फाल इम्फाल, उत्तर प्रियदर्शी,द किंग ऑफ़ डार्क चैंबर प्रमुख हैं, जो भारतीय थिएटर परंपराओं और रूपों को एक नई ऊंचाइयों पर ले गए.
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