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This Article is From Mar 08, 2016

परमाणु मुद्दे पर भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अदालत पहुंचा यह नन्हा द्वीप

परमाणु मुद्दे पर भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अदालत पहुंचा यह नन्हा द्वीप
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की फाइल फोटो
द हेग/ नई दिल्ली: मार्शल द्वीप ने भारत पर परमाणु हथियारों की दौड़ रोकने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ संयुक्त राष्ट्र की अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) का दरवाजा खटखटाया है। हालांकि भारत ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जतायी और आईसीजे को पत्र लिखकर कहा है कि एनपीटी प्रावधान कानूनी बाध्यता के तौर पर उस पर लागू नहीं किए जा सकते।

दक्षिण प्रशांत सागर के इस छोटे से देश ने दुनिया की तीन परमाणु शक्तियों- भारत, पाकिस्तान और ब्रिटेन के खिलाफ मामलों के तहत संयुक्त राष्ट्र की शीर्षतम अदालत में भारत के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया शुरू की, जिसे परमाणु निरस्त्रीकरण वार्ता में नई जान फूंकने की कोशिश बताया जा रहा है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने नई दिल्ली में कहा, 'मार्शल द्वीप गणतंत्र ने भारत समेत सभी परमाणु संपन्न देशों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अदालत में कार्यवाही शुरू की है और परमाणु अप्रसार संधि के अनुच्छेद षष्ठम के तहत परमाणु निरस्त्रीकरण पर पारंपरिक कानूनी बाध्यता के उल्लंघन का हवाला दिया है।' स्वरूप ने कहा, 'सरकार मानती है कि एनपीटी, जिसमें भारत पक्षकार नहीं है, के प्रति हमारे संगत और सैद्धांतिक रुख को देखते हुए एनपीटी प्रावधान कानूनी बाध्यता के रूप में भारत पर नहीं लगाये जा सकते।' उन्होंने कहा कि इस मामले में आईसीजे में सुनवाई जल्द शुरू होगी।

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)

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