Islamabad:
दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) देशों में आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए संगठित प्रयास की जरूरत है। ये बातें पाकिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्री रहमान मलिक ने कही। उन्होंने कहा, "पाकिस्तान, अफगानिस्तान और भारत सभी आतंकवाद की समस्या से जूझ रहे हैं। हमें अंतरराष्ट्रीय तथा समय पर सहयोग की आवश्यकता है। हम दक्षेस देशों के साथ आतंकवाद से सम्बंधित जानकारी साझा करेंगे।" वह भूटान में दक्षेस देशों के गृह मंत्रियों के सम्मेलन से कराची लौटने के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दक्षेस के देश जानते हैं कि पाकिस्तान आतंकवादियों के निशाने पर रहा है। पिछले कुछ साल में यहां 8,000 बम विस्फोट और 3,000 आत्मघाती हमले हुए हैं, जिनमें करीब 35,000 लोगों की जान जा चुकी है। मलिक के अनुसार, पाकिस्तान ने काले धन को वैध बनाने, नशीले पदार्थों की तस्करी से मिलने वाली रकम और आतंकवाद सम्बंधी अन्य मुद्दों से निपटने का प्रस्ताव रखा है। उन्होंने कहा, "चरमपंथ से निपटना शीर्ष एजेंडा है। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने यह मुद्दा सऊदी अरब के शाह अब्दुल्ला बिन अब्देल अजीज के समक्ष भी उठाया है। इस पर उनकी लम्बी बैठक हुई है।" उन्होंने दक्षेस सम्मेलन में समुद्री लुटेरों द्वारा मालवाहक जहाजों के चालक दल के सदस्यों को बंधक बनाने का मामला उठाने की बात भी कही।
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