माले:
मालदीव की एक अदालत ने पुलिस को आदेश दिया कि पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद को बुधवार को उसके सामने पेश किया जाए।
पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि मालदीव की पुलिस ने अपने विदेश मंत्रालय से संपर्क कर आग्रह किया है कि वह नशीद की गिरफ्तारी के लिए भारतीय उच्चायोग से बात करे।
गौरतलब है कि गतिरोध का कोई हल निकलने के संकेत नहीं मिलने के बीच मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद सोमवार को लगातार छठे दिन भारतीय उच्चायोग में मौजूद रहे। वहीं, भारत और मालदीव के बीच आज वाक्युद्ध छिड़ा और भारत ने इस बात से इंकार किया कि उसके उच्चायोग का उपयोग यहां हिंसा भड़काने के इरादे से राजनीतिक बैठकों के लिए किया जा रहा है।
भारतीय उच्चायुक्त डीएम मुले को बुलाए जाने और उच्चायोग में नशीद के रुकने पर कड़ा विरोध पत्र जारी होने के एक दिन बाद भारत ने कहा कि वह दोहराना चाहता है कि पूर्व राष्ट्रपति की मौजूदगी के दौरान उच्चायोग परिसर में किसी तरह की राजनीतिक बैठकों और क्रियाकलापों की अनुमति नहीं दी गई है।
भारतीय उच्चायोग ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति से मिलने के लिए ज्यादा जरूरत के आधार पर केवल सीमित लोगों को अनुमति दी गई है।
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद वहीद के कार्यालय के अनुसार, उच्चायोग परिसर में एक भगोड़े को शरण देने के विरोध में उच्चायुक्त के लिए विरोध पत्र जारी किया गया क्योंकि नशीद वहां से सड़कों पर हिंसा भड़का रहे हैं और अशांति फैला रहे हैं।
स्थानीय मीडिया में आई खबरों में कहा गया कि यह पहली बार है जब मालदीव के विदेश मंत्रालय द्वारा उच्चायुक्त को बुलाया गया है।
पिछले साल जनवरी में आपराधिक न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को हिरासत में लेने से जुड़े एक मामले में अदालत द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट से बचने के लिए मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता 45 वर्षीय नशीद ने 13 फरवरी को भारतीय उच्चायोग में शरण ली थी।
इस बीच, आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि भारत और मालदीव के विदेश मंत्रियों के बीच टेलीफोन पर कई दौर की वार्ता और अन्य तरह के प्रयासों के बावजूद इस गतिरोध का हल निकलने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं। एक अन्य घटनाक्रम में, चुनाव आयोग के अध्यक्ष फुअद तौफीक ने कहा कि यह देखना बहुत चिंता की बात है कि सबसे बड़ी पार्टी का राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार एक उच्चायोग में शरण लिये हुए है।
तौफीक ने कहा कि नशीद पूर्व राष्ट्रपति हैं और उन्हें कानून के अनुसार एक पूर्व राष्ट्रपति को मिलने वाले विशेषाधिकार हासिल होने चाहिए।
उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी निष्पक्ष सुनवाई होनी चाहिए और यह राजनीतिक रूप से प्रेरित नहीं होनी चाहिए।
तौफीक ने कहा कि पहली बात, नशीद पूर्व राष्ट्रपति हैं। दूसरी बात, वह एक राजनीतिक दल के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं। तीसरी बात, वह देश के सबसे बड़े राजनीतिक दल का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन तीनों बातों में काफी वजन है।
पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि मालदीव की पुलिस ने अपने विदेश मंत्रालय से संपर्क कर आग्रह किया है कि वह नशीद की गिरफ्तारी के लिए भारतीय उच्चायोग से बात करे।
गौरतलब है कि गतिरोध का कोई हल निकलने के संकेत नहीं मिलने के बीच मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद सोमवार को लगातार छठे दिन भारतीय उच्चायोग में मौजूद रहे। वहीं, भारत और मालदीव के बीच आज वाक्युद्ध छिड़ा और भारत ने इस बात से इंकार किया कि उसके उच्चायोग का उपयोग यहां हिंसा भड़काने के इरादे से राजनीतिक बैठकों के लिए किया जा रहा है।
भारतीय उच्चायुक्त डीएम मुले को बुलाए जाने और उच्चायोग में नशीद के रुकने पर कड़ा विरोध पत्र जारी होने के एक दिन बाद भारत ने कहा कि वह दोहराना चाहता है कि पूर्व राष्ट्रपति की मौजूदगी के दौरान उच्चायोग परिसर में किसी तरह की राजनीतिक बैठकों और क्रियाकलापों की अनुमति नहीं दी गई है।
भारतीय उच्चायोग ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति से मिलने के लिए ज्यादा जरूरत के आधार पर केवल सीमित लोगों को अनुमति दी गई है।
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद वहीद के कार्यालय के अनुसार, उच्चायोग परिसर में एक भगोड़े को शरण देने के विरोध में उच्चायुक्त के लिए विरोध पत्र जारी किया गया क्योंकि नशीद वहां से सड़कों पर हिंसा भड़का रहे हैं और अशांति फैला रहे हैं।
स्थानीय मीडिया में आई खबरों में कहा गया कि यह पहली बार है जब मालदीव के विदेश मंत्रालय द्वारा उच्चायुक्त को बुलाया गया है।
पिछले साल जनवरी में आपराधिक न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को हिरासत में लेने से जुड़े एक मामले में अदालत द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट से बचने के लिए मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता 45 वर्षीय नशीद ने 13 फरवरी को भारतीय उच्चायोग में शरण ली थी।
इस बीच, आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि भारत और मालदीव के विदेश मंत्रियों के बीच टेलीफोन पर कई दौर की वार्ता और अन्य तरह के प्रयासों के बावजूद इस गतिरोध का हल निकलने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं। एक अन्य घटनाक्रम में, चुनाव आयोग के अध्यक्ष फुअद तौफीक ने कहा कि यह देखना बहुत चिंता की बात है कि सबसे बड़ी पार्टी का राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार एक उच्चायोग में शरण लिये हुए है।
तौफीक ने कहा कि नशीद पूर्व राष्ट्रपति हैं और उन्हें कानून के अनुसार एक पूर्व राष्ट्रपति को मिलने वाले विशेषाधिकार हासिल होने चाहिए।
उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी निष्पक्ष सुनवाई होनी चाहिए और यह राजनीतिक रूप से प्रेरित नहीं होनी चाहिए।
तौफीक ने कहा कि पहली बात, नशीद पूर्व राष्ट्रपति हैं। दूसरी बात, वह एक राजनीतिक दल के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं। तीसरी बात, वह देश के सबसे बड़े राजनीतिक दल का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन तीनों बातों में काफी वजन है।
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