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मालदीव में गहराए संकट के बीच द्वीपीय देश पहुंचे भारत के विशेष दूत शनिवार शाम नई दिल्ली लौट आए।
विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) एम. गणपति ताजा घटनाक्रमों के मद्देनजर मालदीव में वहां के हित धारकों से मुलाकात की और देश के संवैधानिक ढांचे के भीतर राजनीतिक प्रक्रिया आगे बढ़ाने पर जोर दिया।
अपनी यात्रा के दौरान गणपति ने पूर्व रष्ट्रपति मोहम्मद नशीद एवं उनके उत्तराधिकारी मोहम्मद वहीद हसन से मुलाकात की और उनसे द्वीपीय देश में शांति एवं स्थिरता बहाल करने के लिए एक व्यापक आधार वाली गठबंधन सरकार के गठन की राजनीतिक प्रक्रिया तेज करने को कहा।
गणपति ने माले में सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश और नए गृह मंत्री मोहम्मद जमील सहित अन्य राजनीतिक नेताओं से भी मुलाकात की।
अपनी वार्ता में गणपति ने माले में किसी सैन्य हस्तक्षेप से इंकार किया और भारत का रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि वर्तमान संकट देश का आंतरिक मामला है जिसका हल लोकतांत्रिक तरीके से निकाला जाना चाहिए।
नई दिल्ली रवाना होने से पहले उन्होंने माले में पत्रकारों से कहा, "राजनीतिक प्रक्रिया का निर्माण होना जारी रहेगा और हम स्थिति पर नजर बनाए रहेंगे। भारत द्वारा किसी हस्तक्षेप का सवाल नहीं है। हालात को सम्भालना मालदीव पर है।" उन्होंने कहा, "स्थिति वास्तव में जटिल है और हम चाहेंगे कि इस स्थिति का हल शांति एवं सौहार्दपूर्ण तरीके से निकाल लिया जाए ताकि इससे आम आदमी प्रभावित न हो।"
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति नशीद के इस्तीफे के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को मालदीव की जमीनी वास्तविकताओं का जायजा लेने और राजनीतिक दलों से बातचीत के लिए गणपति को वहां रवाना किया था।