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करियर की ऊंचाइयों से, सेवा को चुना, 3 अनुभवी MBA ने बनाया बुजुर्गों के लिए अनोखा मंच

Success Story: ये कहानी है श्रीहरि शिधाये, अभय लोंकर और नजमुद्दीन कुवावाला की जिन्होंने  भारतीय परिवारों के लिए एक विश्वसनीय वरिष्ठ नागरिक देखभाल के लिए मंच खोला.

करियर की ऊंचाइयों से, सेवा को चुना, 3 अनुभवी MBA ने बनाया बुजुर्गों के लिए अनोखा मंच
नई दिल्ली:

Success Story: आज के समय में हर इंसान अपने लिए एक अच्छा करियर चाहता है. खूब सारा पैसा और ऐसो-आराम वाली जिंदगी. इसके लिए पूरी तैयारी के साथ करियर चुनते हैं. लेकिन बहुत कम लोग ऐसे हैं जो अपने बारे में न सोचकर दूसरों की भलाई के बारे में सोचते हैं. आज हम इस सक्सेस स्टोरी में बात करने वाले हैं ऐसे की लोगों की जिन्होंने बुजुर्गों की सेवा करना अपना पहला धर्म समझा. ये लोग अपने लिए सफल जिंदगी छोड़कर बुजुर्गों की सेवा में लगे हैं. ये कहानी है श्रीहरि शिधाये, अभय लोंकर और नजमुद्दीन कुवावाला की जिन्होंने  भारतीय परिवारों के लिए एक विश्वसनीय वरिष्ठ नागरिक देखभाल के लिए हेल्दी रिंकल्स मंच खोला.

श्रीहरि शिधाये ने आईआईएम अहमदाबाद से पीजीडीएम किया है, साथ ही 30 वर्षों का सीनियर स्वास्थ्य लीडरशिप का अनुभव है. वर्तमान में ऑल इंडिया सीनियर सिटिज़न्स कॉन्फ़ेडरेशन के महासचिव है. अभय लोंकर सायडेनहैम इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट से एमएमएस किया है, सालों से स्वास्थ्य वाणिज्यिक संचालन का नेतृत्व कर रहे हैं. नजमुद्दीन कुवावाला ने पुणे विश्वविद्यालय से एमबीए किया है, कई सालों से  स्वास्थ्य रणनीति और पहुंच सुधारने का को लेकर काम कर रहे हैं.

उनका कहना है कि भारत की सीनियर नागरिक आबादी तेजी से बढ़ रही है और उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है. जो बच्चे मीलों या महाद्वीपों दूर रहते हैं, उनके लिए यह भावनात्मक बोझ बेहद भारी है. तीन अनुभवी स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए भी अपने माता-पिता के लिए विश्वसनीय देखभाल ढूंढना एक चुनौती थी. तब उन्हें एक कठोर सच्चाई का एहसास हुआ. अगर वे संघर्ष कर रहे थे, तो औसत भारतीय परिवार के पास क्या संभावना है? यही क्षण उनके लिए एक निर्णायक मोड़ बन गया. उन्होंने माता-पिता की सेवा में किसी तरह की कमी नहीं हो इसलिए ये काम की शुरुआत की, जिससे बच्चे अपने मां-बाप की सेवा दूर से भी कर सकते हैं.

श्रीहरि शिधाये, अभय लोंकर और नजमुद्दीन कुवावाला पहले सहकर्मी थे और अब सह-संस्थापक हैं जिन्होंने मिलकर हेल्दी रिंकल्स की शुरुआत की. यह मंच भारतीय परिवारों के लिए वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल को सरल, सुरक्षित और अधिक सुलभ बनाने के लिए बनाया गया है.

वे किस समस्या का समाधान कर रहे हैं

आज भारत में 150 मिलियन से अधिक सीनियर नागरिक हैं, लेकिन उनकी देखभाल अब भी अव्यवस्थित, बिखरी हुई और अक्सर अविश्वसनीय है. अधिकांश समाधान अनौपचारिक सिफारिशों या अपर्याप्त प्रशिक्षित कर्मचारियों पर निर्भर करते हैं.  हेल्दी रिंकल्स इस समस्या का समाधान एक सत्यापित और उपयोगकर्ता-रेटेड फीडबैक सिस्टम के माध्यम से करता है, जिसमें 20+ श्रेणियों में 4,500 से अधिक सेवा प्रदाताओं को शामिल किया गया है. जैसे नर्सिंग, फिजियोथेरेपी, डायग्नोस्टिक्स, असिस्टेड लिविंग और कई अन्य.

वे एक घटना याद करते हैं, जब कनाडा में रहने वाली एक महिला को तुरंत अंधेरी (मुंबई) में अपनी मां के लिए प्रशिक्षित नर्स की जरूरत थी। “चार घंटे के भीतर हमने उनके दरवाजे पर नर्स पहुंचा दी। यही वह भरोसा और तत्परता है, जिसे हम हमेशा बनाए रखना चाहते हैं.”
  
सुलभ, प्रभावशाली और भविष्यदर्शी पहल

जो वरिष्ठ नागरिक हैं, उनकी जरूरतें केवल स्वास्थ्य सेवाओं तक सीमित नहीं हैं, उन्हें स्वास्थ्य जागरूकता, सहभागिता, मानसिक सहारा और समय पर आपातकालीन सहायता की भी आवश्यकता होती है। इसी सोच के साथ, हेल्दी रिंकल्स ने हाल ही में एक सालाना सदस्यता पहल शुरू की है, जिसमें सीनियर्स और केयरगिवर्स को साप्ताहिक विशेषज्ञ सत्र, चेयर योगा, मानसिक स्वास्थ्य और डिजिटल साक्षरता कार्यशालाएं, साथ ही सुर-संगीत और चर्चा जैसे प्रेरणादायक आयोजन मिलते हैं। साथ ही, इसमें 24/7 आपातकालीन सहायता की सुविधा भी होगी—जहां एक क्लिक में एंबुलेंस, डॉक्टर, अस्पताल और होम केयर से जुड़ा जा सकेगा.

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