मलेशिया के दुर्घटनाग्रस्त विमान के पायलटों और एयर ट्रैफिक कंट्रोल के बीच हुए अंतिम संचार के विवरण में ‘कुछ असामान्य’ नहीं था। दूसरी ओर, ऑस्ट्रेलिया ने कहा है कि मलबे की तलाश में लंबा समय लग सकता है।
उड़ान संख्या एमएच 370 से जुड़े संचार का पूरा विवरण मलेशियाई प्रशासन ने जारी किया है। इससे इस बात की पुष्टि होती है कि अंतिम शब्द 'गुडनाइट मलेशियन थ्री सेवन जीरो' थे, जबकि इससे पहले बताया गया था कि अंतिम संदेश के शब्द 'आल राइट गुड नाइट' थे जो अधिक अनौपचारिक थे।
कार्यवाहक परिवहन मंत्री हिशामुद्दीन हुसैन ने एक बयान में कहा, 'हम एमएच 370 और एयर ट्रैफिक कंट्रोल कुआलालंपुर के बीच के संवाद का पूरा विवरण जारी कर रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'इस संवाद में कुछ भी असामान्य होने का संकेत नहीं मिला है।' वहीं दुर्घटनाग्रस्त विमान के ब्लैक बॉक्स का पता लगाने के लिए बहुराष्ट्रीय तलाश दल के पास अधिक समय नहीं बचा है।
मलेशियाई अधिकारियों को विमान के रहस्यमय तरीके से गायब होने के मामले से निपटने के तरीके के कारण खासकर विमान में सवार चीनी यात्रियों के परिजनों की काफी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। परिजनों ने मलेशिया पर तलाश के कुप्रबंधन और सूचना को उजागर नहीं करने का आरोप लगाया है।
अधिकारियों ने अब कहा है कि उन्हें यह बात निश्चित तौर पर पता नहीं है कि अंतिम शब्द विमान के चालक कप्तान जहरी अहमद शाह ने कहे थे या सह चालक फारिक अब्दुल हामिद ने कहे थे। उन्होंने कहा कि वे इस बात का पता लगाने के लिए अब भी फारेंसिक विश्लेषण कर रहे हैं कि अंतिम शब्द किसने कहे थे। इससे पहले मलेशियाई अधिकारियों ने अंतिम संचार करने वाले के तौर पर फारिक की पहचान की थी।
लापता विमान की तलाश का आज 24वां दिन है। विमान के ब्लैकबॉक्स की बैटरियों की मियाद लगभग 30 दिन होती है। इसका अर्थ यह हुआ कि ये करीब आठ दिन में काम करना बंद कर देंगी, जबकि विमान का अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है। अमेरिकी राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड के पूर्व प्रमुख रॉबर्ट फ्रांसिस ने कहा कि ब्लैक बॉक्स का पता लगने की उम्मीद 'बहुत कम' है।
इस बीच ऑस्ट्रेलिया के रक्षामंत्री डेविड जॉनसन ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई नौसेना के पोत ओशन शील्ड को तलाश क्षेत्र में पहुंचने में दो से तीन दिन लगेंगे। इस पोत में संकेतक का पता लगाने के लिए एक लोकेटर लगा हुआ है।
जॉनसन ने कहा, 'हमारे पास एक सप्ताह का समय बचा है, लेकिन बैटरी कितने समय तक चलेगी, यह पानी के तापमान और उसकी गहराई एवं दबाव पर निर्भर करता है।' ज्वाइंट एजेंसी कोऑर्डिनेशन सेंटर ने बताया कि आज तलाश में 10 विमान और नौ जहाज मदद कर रहे हैं।
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