लंदन:
तालिबान के हमले में घायल हुई पाकिस्तान की साहसी लड़की मलाला यूसुफजई को लंदन के अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। डॉक्टरों का कहना है कि वह अब इतनी सही है कि घर पर रहकर भी स्वास्थ्य लाभ कर सकती है।
हालांकि उसे जनवरी के आखिर या फरवरी के शुरू में खोपड़ी (क्रैनियल रिकंस्ट्रकटिव सर्जरी) के ऑपरेशन के लिए फिर से भर्ती होना पड़ेगा।
गौरतलब है कि लड़कियों की शिक्षा की पुरजोर पैरवी करने वाली 15 साल की मलाला को पिछले साल अक्तूबर में तालिबान आतंकवादियों ने गोली मार दी थी। गोली उसके सिर में लगी थी। बाद में बेहतर उपचार के लिए उसे बर्मिंघम स्थित क्वीन एलिजाबेथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल्स बर्मिंघम एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट के चिकित्सा निदेशक डॉक्टर डेव रोजर ने कहा कि जनवरी के आखिर अथवा फरवरी की शुरुआत में मलाला की खोपड़ी की सर्जरी की जाएगी।
उधर, मलाला के अब ब्रिटेन में स्थायी आवास हासिल करने की संभावना है, क्योंकि उनके पिता जियाउद्दीन यूसुफजई को बर्मिंघम स्थित पाकिस्तानी वाणिज्य दूतावास में नौकरी दे दी गई है।
हालांकि उसे जनवरी के आखिर या फरवरी के शुरू में खोपड़ी (क्रैनियल रिकंस्ट्रकटिव सर्जरी) के ऑपरेशन के लिए फिर से भर्ती होना पड़ेगा।
गौरतलब है कि लड़कियों की शिक्षा की पुरजोर पैरवी करने वाली 15 साल की मलाला को पिछले साल अक्तूबर में तालिबान आतंकवादियों ने गोली मार दी थी। गोली उसके सिर में लगी थी। बाद में बेहतर उपचार के लिए उसे बर्मिंघम स्थित क्वीन एलिजाबेथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल्स बर्मिंघम एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट के चिकित्सा निदेशक डॉक्टर डेव रोजर ने कहा कि जनवरी के आखिर अथवा फरवरी की शुरुआत में मलाला की खोपड़ी की सर्जरी की जाएगी।
उधर, मलाला के अब ब्रिटेन में स्थायी आवास हासिल करने की संभावना है, क्योंकि उनके पिता जियाउद्दीन यूसुफजई को बर्मिंघम स्थित पाकिस्तानी वाणिज्य दूतावास में नौकरी दे दी गई है।
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