
- मेडागास्कर के राष्ट्रपति को GEN Z के नेतृत्व वाले बड़े विरोध प्रदर्शनों के कारण देश छोड़कर भागना पड़ा
- सेना की CAPSAT यूनिट ने विद्रोह कर पूरी सेना पर कब्जा कर लिया और नया आर्मी चीफ नियुक्त किया
- राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया पर भाषण जारी किया लेकिन अभी तक इस्तीफा नहीं दिया है और सत्ता पर कब्जा अवैध बताया
एक देश के राष्ट्रपति के खिलाफ युवाओं- खासकर GEN Z का आंदोलन शुरू होता है. उस विद्रोह को दूर करने के लिए राष्ट्रपति अपनी बनाई सरकार को बर्खास्त कर देता है. लेकिन आंदोलन खत्म होने की जगह सेना का वही गुट बागी हो जाता है जिसने 16 साल बाद उसे राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठाया था. सेना का यह गुट पूरी सेना पर ही कब्जा कर लेता है, नया आर्मी चीफ चुन लेता है. अब उस देश में हालात यह हैं कि राष्ट्रपति को जान बचाने के लिए देश ही छोड़कर भागना पड़ा है… हम बात कर रहे हैं अफ्रीकी महाद्वीप के देश मेडागास्कर की. नेपाल और बांग्लादेश के बाद मेडागास्कर में तख्तपालट का रास्ता साफ हो गया है.
कई हफ्तों के बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद, मेडागास्कर के राष्ट्रपति एंड्री राजोएलिना देश छोड़कर भाग गए हैं. राजोएलिना GEN Z आंदोलन की भेट चढ़ने वाले वर्ल्ड लीडर की लिस्ट में शामिल हो गए हैं. सेना के बागी होने के बाद उन्हें अपनी जान का खतरा सताने लगा है. न्यूज एजेंसी एपी की रिपोर्ट के अनुसार सोमवार की देर रात किसी अज्ञात स्थान से राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया पर अपना भाषण जारी किया लेकिन खास बात रही कि उन्होंने अभी अपने इस्तीफे की घोषणा नहीं की.

राष्ट्रपति ने फेसबुक पर अपना भाषण जारी किया
मेडागास्कर में हुआ क्या?
राष्ट्रपति एंड्री राजोएलिना को पिछले कई हफ्तों तक जनरल जेड के नेतृत्व वाले सरकार विरोधी प्रदर्शनों का सामना करना पड़ा था. लेकिन यह विद्रोह शनिवार को एक महत्वपूर्ण बिंदु पर पहुंच गया जब सेना की एक यूनिट- CAPSAT विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गई और राष्ट्रपति और अन्य सरकारी मंत्रियों से पद छोड़ने को कह दिया. इस गुट ने रविवार को एक नया सैन्य प्रमुख भी नियुक्त कर दिया. राष्ट्रपति एंड्री राजोएलिना ने इसे "अवैध रूप से सत्ता पर कब्जा करने के प्रयास" करार देते हुए इसकी निंदा की.
अपने भाषण में राष्ट्रपति अड़िग दिखें. उन्होंने कहा, "मैं मेडागास्कर को नष्ट नहीं होने दूंगा." राजोएलिना ने अब तक इस्तीफा देने से इनकार किया है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, मेडागास्कर की संसद में विपक्षी नेता सितेनी रैंड्रिआनासोलोनियाइको ने पुष्टि की कि राजोएलिना ने रविवार को देश छोड़ दिया.
रेडियो फ्रांस इंटरनेशनेल की रिपोर्ट के अनुसार राजोएलिना एक फ्रांसीसी सैन्य विमान में बैठकर मेडागास्कर से भागे हैं. न्यूज एजेंसी एएफपी के अनुसार फ्रांसीसी अधिकारियों ने इसकी पुष्टि के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया. वहीं फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रो ने भी इस संकट पर "बड़ी चिंता" व्यक्त की है. हालांकि भागने में फ्रांस की मदद की खबर की पुष्टि उन्होंने भी नहीं की.

बागी सेना ने भी प्रदर्शनकारियों का साथ दिया
मेडागास्कर में आंदोलन शुरू क्यों हुआ?
मेडागास्कर फ्रांस का उपनिवेश रह चुका है यानी यहां कभी फ्रांस का राज था. राजोएलिना के पास भी कथित तौर पर फ्रांसीसी नागरिकता है, और यह बात कुछ मेडागास्कवासियों के लिए असंतोष की वजह रही थी. लेकिन इस बार का सरकार विरोधी प्रदर्शन 25 सितंबर को पानी और बिजली की गंभीर कटौती को लेकर शुरू हुआ. जल्द ही यह राजोएलिना और उनकी सरकार के प्रति व्यापक असंतोष में बदल गया.
2009 में सेना की मदद से ही तख्तापलट हुआ था और एक अंतरिम सरकार के नेता के रूप में राजोएलिना पहली बार सत्ता में आए थे. लेकिन 3.1 करोड़ लोगों के इस द्वीप राष्ट्र में आज कहानी बदल गई है. CAPSAT यूनिट ने ही 2009 के तख्तापलट में एक प्रमुख भूमिका निभाई थी, आज वही बागी हो गई है.
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