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मेडागास्‍कर में सेना के हाथ में कमान, राष्‍ट्रपति के खिलाफ चलेगा महाभियोग, यहां भी सफल रहे Gen Z

देश में 25 सितंबर से पानी और बिजली की कमी को लेकर प्रदर्शन हो रहे थे. लेकिन देखते ही देखते ये प्रदर्शन  भ्रष्टाचार, कुशासन और बुनियादी सेवाओं की कमी समेत बड़ी शिकायतों को लेकर विद्रोह में बदल गए. 

मेडागास्‍कर में सेना के हाथ में कमान, राष्‍ट्रपति के खिलाफ चलेगा महाभियोग, यहां भी सफल रहे Gen Z
  • मेडागास्कर में सेना ने सत्ता अपने हाथ में ले ली है और राष्ट्रपति राजोइलिना के खिलाफ महाभियोग चलाया जाएगा.
  • राष्ट्रपति राजोइलिना ने संसद को भंग कर दिया था ताकि विपक्ष के मतदान को रोका जा सके और संकट टाला जा सके.
  • प्रदर्शनकारियों ने राष्‍ट्रपति राजोइलिना को देश छोड़ने पर मजबूर कर दिया वह युवाओं के विरोध का सामना कर रहे थे.
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नई दिल्‍ली:

नेपाल के बाद मेडागास्‍कर भी Gen Z प्रदर्शन से हिल गया है. ताजा घटनाक्रम में यहां पर मिलिट्री ने सत्ता अपने हाथ में ले ली है. न्‍यूज एजेंसी एपी की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार सेना के एक कर्नल ने बताया है कि अब जबकि संसद की तरफ से राष्‍ट्रपति  एंड्री राजोइलिना के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए वोटिंग की जा चुकी है तो सेना सत्ता अपने हाथ में ले रही है. दिलचस्‍प बात है कि  राष्‍ट्रपति ने मंगलवार को ही को राष्‍ट्रीय संसद को भंग कर दिया था. उनकी मंशा ऐसा करके राजनीतिक संकट के चलते उन्हें पद से हटाने के लिए विपक्ष के मतदान को रोकना चाहते थे. 

प्रदर्शनकारियों के साथ सेना 

संसद में विपक्ष के नेता सितेनी रैंड्रियानासोलोनियाको के हवाले से न्‍यूज एजेंसी रॉयटर्स ने बताया कि सेना भी प्रदर्शनकारियों के साथ शामिल हो गई है. इसके बाद ही राजोइलिना रविवार को मेडागास्कर छोड़कर चले गए. राजोइलिना को पिछले दो हफ्तों से ज्‍यादा समय से सड़कों पर प्रदर्शनों को सामना करना पड़ा है. नेपाल की ही तरह यहां भी युवा सत्ता पर काबिज एलीट क्‍लास और उसकी नीतियों से नाराज थे. इन प्रदर्शनों का नेतृत्‍व इन युवाओं ने ही किया था. प्रदर्शन के कारण 51 साल के राजोइलिना को छिपने पर मजबूर होना पड़ा. 

क्‍यों मैंक्रो ने की भागने में मदद 

एक मिलिट्री सूत्र ने रॉयटर्स को बताया कि राजोइलिना रविवार को एक फ्रांस के मिलिट्री प्‍लेन से रवाना हो गए हैं. फ्रेंच रेडियो आरएफआई ने बताया कि उन्होंने राष्‍ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ एक समझौता किया है. मैंक्रो सोमवार को इजिप्‍ट में थे और यहां पर उनसे इस बाबत सवाल किया गया. उनका कहना था कि वह उन रिपोर्ट्स को कंफर्म नहीं कर सकते हैं कि फ्रांस ने राजोइलिना को देश से भागने में मदद की थी.  मैंक्रो के मुताबिक मेडागास्कर में संवैधानिक व्यवस्था को बनाए रखा जाना चाहिए. मैंक्रो की मानें तो फ्रांस देश के युवाओं की शिकायतों को समझता है, लेकिन मिलिट्री को उन शिकायतों का फायदा नहीं उठाना चाहिए.

क्‍यों हो रहे थे प्रदर्शन  

मिलिट्री सूत्रों की मानें तो रविवार को फ्रांस की सेना का एक कासा एयरक्राफ्ट मेडागास्कर के सैंटे मैरी एयरपोर्ट पर उतरा था. सूत्र ने कहा, 'पांच मिनट बाद एक हेलीकॉप्‍टर भी आया और अपने यात्री को कासा में ले गया.' सूत्रों ने आगे बताया कि यात्री राजोइलिना ही थे. देश में 25 सितंबर से पानी और बिजली की कमी को लेकर प्रदर्शन हो रहे थे. लेकिन देखते ही देखते ये प्रदर्शन  भ्रष्टाचार, कुशासन और बुनियादी सेवाओं की कमी समेत बड़ी शिकायतों को लेकर विद्रोह में बदल गए. 
 

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