वाशिंगटन:
लियोन पैनेटा ने अमेरिकी रक्षामंत्री के तौर पर अपने अंतिम संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ओसामा बिन लादेन को उसके पाकिस्तान स्थित ठिकाने में मार गिराने का साहसिक अभियान बहुत जोखिम भरा था, क्योंकि वहां अल कायदा सरगना की मौजूदगी की शत-प्रतिशत पुष्टि नहीं हुई थी।
सीआईए के निदेशक के तौर पर पैनेटा ने ओसामा का पता लगाने और उसे मार गिराने के अभियान में अहम भूमिका निभाई थी। इसके बाद उन्हें राष्ट्रपति बराक ओबामा ने रक्षामंत्री बना दिया था।
पैनेटा ने कहा, मैंने जो देखा... वह बहुत पेशेवर खुफिया अभियान था, जिसमें ऐबटाबाद में उस ठिकाने का पता लगाया जा सका। सीनेट की मुहर लगने के बाद पैनेटा की जगह नेबरास्का के पूर्व सीनेटर चुक हैगल ले सकते हैं। पैनेटा ने कहा, मेरा मानना है कि खुफिया पक्ष की ओर से सारा कामकाज किए जाने के बावजूद हम चीजों को जोड़ने में लगे हुए थे। हमें कभी शत-प्रतिशत विश्वास नहीं था कि वहां बिन लादेन का ठिकाना है, इसलिए शुरुआत से ही यह बहुत जोखिम भरा था।
उन्होंने कहा, हमने लगातार खुफिया जानकारी पर नजर रखी। हर समय यही लग रहा था कि वहां बिन लादेन है, लेकिन साफ कहूं तो हम शत-प्रतिशत आश्वस्त नहीं थे। पैनेटा ने खुलासा किया कि अभियान की योजना के दौरान अनेक अलग-अलग राय थीं, जिनसे इस बारे में सवाल और चिंताएं उठीं कि अमेरिका को ऐसा करना चाहिए या नहीं। हालांकि उन्होंने कहा, मैं बहुत आश्वस्त था कि हमारे पास जो जानकारी है, वह टोरा-बोरा के बाद से बिन लादेन के बारे में हमारी सर्वश्रेष्ठ जानकारी है।
पैनेटा ने कहा, अभियान के दौरान कुछ क्षण थे, जब हम घटनाक्रम को लेकर बहुत नर्वस थे। लेकिन मुझे इस बात से विश्वास मिला कि अभियान को अंजाम देते हुए आत्मविश्वास से आगे बढ़ना चाहिए। अंत में विश्वास की जीत हुई। उन्होंने कहा कि बिन लादेन अल कायदा के लिए प्रेरक नेता रहा, लेकिन उनके लिए खतरनाक बना रहा।
उन्होंने कहा, जाहिर तौर पर वह अल कायदा के अग्रिम पंक्ति के नेताओं के करीब नहीं था, लेकिन वह उनके संपर्क में रहा, उनसे बातचीत करता रहा। मुझे लगता है कि इस वजह से वह 9/11 की तरह के हमलों को अंजाम देने के लिहाज से बहुत खतरनाक रहा, जिसका हम शिकार हुए। पैनेटा ने कहा, इसलिए मुझे लगता है कि वह नि:संदेह अमेरिका के लिए खतरा बना रहा।
सीआईए के निदेशक के तौर पर पैनेटा ने ओसामा का पता लगाने और उसे मार गिराने के अभियान में अहम भूमिका निभाई थी। इसके बाद उन्हें राष्ट्रपति बराक ओबामा ने रक्षामंत्री बना दिया था।
पैनेटा ने कहा, मैंने जो देखा... वह बहुत पेशेवर खुफिया अभियान था, जिसमें ऐबटाबाद में उस ठिकाने का पता लगाया जा सका। सीनेट की मुहर लगने के बाद पैनेटा की जगह नेबरास्का के पूर्व सीनेटर चुक हैगल ले सकते हैं। पैनेटा ने कहा, मेरा मानना है कि खुफिया पक्ष की ओर से सारा कामकाज किए जाने के बावजूद हम चीजों को जोड़ने में लगे हुए थे। हमें कभी शत-प्रतिशत विश्वास नहीं था कि वहां बिन लादेन का ठिकाना है, इसलिए शुरुआत से ही यह बहुत जोखिम भरा था।
उन्होंने कहा, हमने लगातार खुफिया जानकारी पर नजर रखी। हर समय यही लग रहा था कि वहां बिन लादेन है, लेकिन साफ कहूं तो हम शत-प्रतिशत आश्वस्त नहीं थे। पैनेटा ने खुलासा किया कि अभियान की योजना के दौरान अनेक अलग-अलग राय थीं, जिनसे इस बारे में सवाल और चिंताएं उठीं कि अमेरिका को ऐसा करना चाहिए या नहीं। हालांकि उन्होंने कहा, मैं बहुत आश्वस्त था कि हमारे पास जो जानकारी है, वह टोरा-बोरा के बाद से बिन लादेन के बारे में हमारी सर्वश्रेष्ठ जानकारी है।
पैनेटा ने कहा, अभियान के दौरान कुछ क्षण थे, जब हम घटनाक्रम को लेकर बहुत नर्वस थे। लेकिन मुझे इस बात से विश्वास मिला कि अभियान को अंजाम देते हुए आत्मविश्वास से आगे बढ़ना चाहिए। अंत में विश्वास की जीत हुई। उन्होंने कहा कि बिन लादेन अल कायदा के लिए प्रेरक नेता रहा, लेकिन उनके लिए खतरनाक बना रहा।
उन्होंने कहा, जाहिर तौर पर वह अल कायदा के अग्रिम पंक्ति के नेताओं के करीब नहीं था, लेकिन वह उनके संपर्क में रहा, उनसे बातचीत करता रहा। मुझे लगता है कि इस वजह से वह 9/11 की तरह के हमलों को अंजाम देने के लिहाज से बहुत खतरनाक रहा, जिसका हम शिकार हुए। पैनेटा ने कहा, इसलिए मुझे लगता है कि वह नि:संदेह अमेरिका के लिए खतरा बना रहा।
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