फिलीस्तीनी आतंकवादी समूह हमास के नेता इस्माइल हानिया (Hamas leader Ismail Haniya) की ईरान में मौत से दुनिया में सनसनी है. इजरायल पर ईरान आरोप लगा रहा है और दोनों देशों में तनाव चरम पर है. अब यह तो पता नहीं कि इसमें इजरायल का हाथ था या नहीं, लेकिन इजरायल-फिलिस्तीन विवाद (Israel-Palestine conflict) में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. जासूसों की दुनिया में इजरायल के इस तरह के ऑपरेशन के किस्से सुनाए और पढ़ाए जाते हैं. इन्हीं ऑपरेशंस के कारण इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद (Mossad )को दुनिया की सबसे तेज और खतरनाक इंटेलीजेंस एजेंसी माना जाता है. मोसाद कितना खतरनाक है? अगर यह जानना चाहते तो उसके एक ऑपरेशन के बारे में जान लें, अंदाजा आपको खुद-ब-खुद हो जाएगा.
वाडी हद्दाद ऐसे आया मोसाद के निशाने पर
फिलिस्तीन की मुक्ति के लिए पॉपुलर फ्रंट का प्रमुख वाडी हद्दाद (Wadie Haddad) कई हाई-प्रोफाइल हमलों में शामिल था. इजरायल उससे काफी परेशान था. मगर, 1976 में एयर फ्रांस के विमान का अपहरण कर वाडी हद्दाद ने इजरायल के सब्र को तोड़ दिया. इस घटना को एंतेबे अपहरण (Entebbe Hijacking) के नाम से जाना जाता है, अपहर्ता विमान को तेल अवीव से पेरिस ले गए, लेकिन उसे लीबिया और फिर युगांडा की ओर मोड़ दिया. इजराइल ने ऑपरेशन थंडरबोल्ट के साथ इसका जवाब दिया. वर्तमान इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) के भाई लेफ्टिनेंट कर्नल योनातन नेतन्याहू के नेतृत्व में यह ऑपरेशन चलाया गया था. मिशन सफल रहा, लेकिन इस प्रक्रिया में लेफ्टिनेंट कर्नल योनातन नेतन्याहू की मौत हो गई.
मोसाद की 'किल लिस्ट' में आया वाडी हद्दाद
इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद एंतेबे अपहरण का बदला लेना चाहती थी. विमान अपहरण के पीछे का मास्टरमाइंड वाडी हद्दाद था. मगर कर्नल योनातन नेतन्याहू की मौत ने इजरायल को और उकसा दिया. मोसाद किसी भी कीमत पर वाडी हद्दाद को मारना चाहती थी. वाडी हद्दाद मोसाद की किल लिस्ट में प्राथमिकता बन गया था. उसे मारने की योजना बनाए जाने लगी. वह इराक में रहता था. पहले तय हुआ कि घुसकर मारा जाए, मगर अंतरराष्ट्रीय नियमों के कारण मोसाद ने एक अलग प्लान बनाया.
एजेंट सैडनेस को दिया गया काम
किसी गड़बड़ी से बचने के लिए, मोसाद ने एक शांत तरीका चुना. उसने वाडी हद्दाद को मारने के मिशन को 'एजेंट सैडनेस' नामक एक एजेंट को सौंपा, जिसकी हद्दाद के घर और कार्यालय तक पहुंच थी.
10 जनवरी 1978 को एजेंट सैडनेस ने हद्दाद के नियमित टूथपेस्ट को एक विशेष रूप से तैयार जहरीले टूथपेस्ट से बदल दिया. यह जहरीला टूथपेस्ट इजराइल के इंस्टीट्यूट फॉर बायोलॉजिकल रिसर्च में बनाया गया था. जहरीले टूथपेस्ट के जरिए हद्दाद के शरीर में जहर भरने लगा.
वाडी हद्दाद की बीमारी
जनवरी के मध्य तक वाडी हद्दाद बगदाद में गंभीर रूप से बीमार पड़ गया. उसके लक्षण गंभीर थे, जिनमें पेट में ऐंठन, भूख न लगना और तेजी से 25 पाउंड से अधिक वजन कम होना शामिल था. शीर्ष इराकी डॉक्टरों के इलाज के बावजूद, उसकी हालत लगातार बिगड़ती गई. डॉक्टरों ने पहले उसे हेपेटाइटिस से पीड़ित और फिर गंभीर जुकाम से पीड़ित बताया. लगातार एंटीबायोटिक्स दिए गए, मगर किसी का भी कोई असर नहीं हुआ. उसके बाल झड़ने लगे, जिससे जहर देने की आशंका डॉक्टरों को हुई.
स्टासी से यासिर अराफात ने मदद मांगी
फिलिस्तीन मुक्ति संगठन के नेता यासिर अराफात (Yasser Arafat) ने पूर्वी जर्मन गुप्त सेवा (East German Secret Service) स्टासी से मदद मांगी. वाडी हद्दाद को स्टासी पूर्वी बर्लिन ले गई और उसे 'अहमद डौकली' नाम से एक गुप्त अस्पताल में भर्ती कराया. डॉक्टरों ने वाडी हद्दाद के कई टेस्ट किए, लेकिन वे भी उनकी बीमारी का कारण निर्धारित नहीं कर सके. उन्हें निर्णायक सबूत के बिना चूहे के जहर या थैलियम जहर का संदेह था.
वाडी हद्दाद की मौत
लगातार खून रिसने और प्लेटलेट काउंट में गिरावट के कारण वाडी हद्दाद की हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी. डॉक्टरों ने उसे बेहोश किया और दस दिनों तक अस्पताल में रखा, लेकिन वे उसे बचा नहीं सके. 29 मार्च, 1978 को उसका निधन हो गया. प्रोफेसर ओटो प्रोकोप ने वाडी हद्दाद के शव परीक्षण (Autopsy report) से निष्कर्ष निकाला कि वाडी हद्दाद की मृत्यु मस्तिष्क में खून रिसने और पैनमायलोपैथी के कारण होने वाले निमोनिया से हुई. हालांकि, जहर का सटीक कारण वर्षों तक अस्पष्ट रहा.
तीन दशक तक नहीं चला पता
हद्दाद की हत्या का सच सामने आने में लगभग तीन दशक लग गए. इजरायली लेखक एरोन जे क्लेन की पुस्तक "स्ट्राइकिंग बैक" में वाडी हद्दाद की मौत का कारण जहरीली चॉकलेट को बताया गया है, जबकि रोनन बर्गमैन की "राइज एंड किल फर्स्ट" में टूथपेस्ट हत्या का विवरण दिया गया है. इजरायली सेना का आदर्श वाक्य, बेबीलोनियाई तल्मूड से प्रेरित है, "यदि कोई तुम्हें मारने आता है, तो उठो और पहले उन्हें मार डालो."
इस्माइल हानिया को ऐसे मारा
इस सिद्धांत ने उनके कार्यों को प्रेरित किया है, जिसमें हाल ही में ईरान के तेहरान में हमास प्रमुख इस्माइल हानियेह को निशाना बनाना भी शामिल है. ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने शनिवार को कहा कि फिलीस्तीनी आतंकवादी समूह हमास के नेता इस्माइल हानिया की तेहरान में लगभग 7 किलोग्राम के वारहेड वाले एक कम दूरी के प्रोजेक्टाइल से हत्या कर दी गई है, तथा उन्होंने इसका कड़ा बदला लेने की कसम खाई है. 7 अक्टूबर के हमले के बाद से गाजा पर इजरायल के हमले में करीब 39,400 लोग मारे गए हैं और लगभग 1 लाख अन्य घायल हुए हैं.
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