ब्रिटेन के नए महाराज ने पहली बार ब्रिटिश संसद को किया संबोधित
ब्रिटेन के नए महाराज चार्ल्स तृतीय ने संसद में दिए अपने पहले संबोधन में ‘‘इतिहास के महत्व’’ और ‘‘अपनी प्रिय दिवंगत मां’’ का जिक्र किया.
ब्रिटेन के नए महाराज के भाषण की 10 बड़ी बातें
- ब्रिटेन के महाराज के रूप में चार्ल्स तृतीय ने सोमवार को पहली बार संसद को संबोधित किया और ‘‘संवैधानिक शासन के अनमोल सिद्धांतों'' को बनाए रखने में अपनी ‘‘प्रिय दिवंगत मां'' महारानी एलिजाबेथ द्वितीय द्वारा पेश की गई निस्वार्थ कर्तव्य की मिसाल का पालन करने का संकल्प लिया.
- लंदन में वेस्टमिंस्टर हॉल में हाउस ऑफ कॉमन्स और हाउस ऑफ लॉर्ड्स की ओर से जतायी गई संवेदनाओं के जवाब में महाराज चार्ल्स तृतीय ने अपनी मां के शासनकाल के कई प्रतीकों का उल्लेख करते हुए, "इतिहास के भार" का जिक्र किया. उन्होंने दिवंगत महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को श्रद्धांजलि देने के लिए विलियम शेक्सपियर की पंक्तियों का उल्लेख किया। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का बृहस्पतिवार को स्कॉटलैंड में 96 वर्ष की आयु में निधन हो गया था.
- चार्ल्स ने कहा, ‘‘कम उम्र में दिवंगत महारानी ने अपने देश और अपने लोगों की सेवा करने और संवैधानिक सरकार के अनमोल सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए खुद को प्रतिबद्ध किया. महारानी ने इस प्रतिबद्धता को बड़ी निष्ठा के साथ निभाया. उन्होंने निस्वार्थ कर्तव्य की एक मिसाल कायम की, जिसका ईश्वर और आपके परामर्श से मैं ईमानदारी से पालन करने के लिए दृढ़ संकल्पित हूं.''
- सांसदों के साथ अपने स्वयं के संबंधों की बात करते हुए चार्ल्स ने संसद को ‘‘देश के लोकतंत्र का जीवंत तंत्र'' बताया और अपनी दिवंगत मां के साथ उसके संबंधों'' पर प्रकाश डाला.
- राजकीय शोक के इस कार्यक्रम में संसद के लगभग 900 सदस्य शामिल हुए और देश के नये महाराज के प्रति निष्ठा व्यक्त की. हाउस ऑफ कॉमन्स के स्पीकर सर लिंडसे हॉयल ने शोक संदेश पढ़ा जिसे बाद में ब्रिटेन के नये महाराज को सौंपा गया. हॉयल ने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि आपका दुख हमारे दुख से अधिक है... हमारी दिवंगत महारानी, आपकी मां की प्रशंसा में कहने के लिए हमारे पास शब्द नहीं हैं.''
- इस कार्यक्रम के अंत में 73 वर्षीय महाराज चार्ल्स, क्वीन कंसोर्ट कैमिला के साथ एडिनबर्ग रवाना हो गए. वह वहां दिवंगत महारानी के ताबूत के पीछे एक शाही जुलूस का नेतृत्व करेंगे. महारानी के ताबूत को स्कॉटलैंड में पैलेस ऑफ होलीरूडहाउस से सेंट जाइल्स कैथेड्रल ले जाया जाएगा. महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के लिए एक विशेष प्रार्थना के बाद, ताबूत को 24 घंटे के लिए गिरजाघर में रखा जाएगा ताकि आम लोग दिवंगत महारानी को श्रद्धांजलि अर्पित कर सकें.
- महाराज चार्ल्स तृतीय की फर्स्ट मिनिस्टर ऑफ स्कॉटलैंड निकोला स्टर्जन के साथ एक मुलाकात होगी। महाराज चार्ल्स स्कॉटलैंड की संसद में हिस्सा लेंगे और शोक प्रस्ताव स्वीकार करेंगे। सोमवार शाम को, महाराज चार्ल्स तृतीय सेंट जाइल्स कैथेड्रल में शाही परिवार के अन्य सदस्यों के साथ एक प्रार्थना में शामिल होंगे जहां महारानी के ताबूत को रॉयल स्टैंडर्ड ध्वज में लपेटा जाएगा और उस पर स्कॉटलैंड का ताज रखा जाएगा.
- चार्ल्स ने सप्ताहांत में ब्रिटेन का महाराज घोषित किए जाने पर कहा था, ‘‘इन जिम्मेदारियों को उठाते हुए मैं संवैधानिक सरकार को बरकरार रखने के उनके प्रेरक उदाहरण का अनुसरण करूंगा तथा इन द्वीपों के लोगों, और राष्ट्रमंडल देशों तथा विश्व भर में फैले क्षेत्रों में शांति, सौहार्द्र एवं समृद्धि के लिए काम करूंगा.''
- महाराज चार्ल्स को ब्रिटेन के सभी हिस्सों का एक प्रथागत दौरा करना निर्धारित है.
- इस बीच, महारानी के ताबूत को मंगलवार को स्कॉटलैंड से हवाई मार्ग से इंग्लैंड ले जाया जाएगा। बुधवार को, ताबूत को लंदन के वेस्टमिंस्टर पैलेस ले जाया जाएगा जहां उसे 19 सितंबर को अंतिम संस्कार के दिन तक वेस्टमिंस्टर हॉल में रखा जाएगा.