वाशिंगटन:
अमेरिका की प्रक्षेपास्त्र रक्षा प्रणाली प्रशांत महासागर के ऊपर किए गए परीक्षण में नाकाम रही, क्योंकि इंटरसेप्टर सामने से आ रहे बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र को निशाना नहीं बना पाया।
इंटरसेप्टर की नाकामी अमेरिका की महंगी जमीन आधारित इंटरसेप्टर प्रणाली के लिए एक और झटका है, क्योंकि वर्ष 2008 के बाद से इसका परीक्षण सफल नहीं हो पाया है। इस परीक्षण का उद्देश्य कैलिफोर्निया स्थित वान्डेनबर्ग एयरबेस से प्रक्षेपित इंटरसेप्टर की सफलता देखना था।
यह इंटरसेप्टर मार्शल द्वीपसमूह के क्वाजलीन पर एक अमेरिकी परीक्षण स्थल से छोड़े गए लंबी दूरी के बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र को निशाना बनाने के लिए छोड़ा गया था। अमेरिकी प्रक्षेपास्त्र एजेंसी के प्रवक्ता रिचर्ड लेहनर ने एक संक्षिप्त बयान में बताया, ...लेकिन उद्देश्य पूरा नहीं हो पाया। बयान में आगे कहा गया है, कार्यक्रम अधिकारी समीक्षा कर इस असफलता के कारण का पता लगाएंगे और उसे दूर करने की कोशिश करेंगे।
प्रक्षेपास्त्र रोधी हथियार में लगातार तकनीकी समस्या आ रही है। वर्ष 2010 में दो असफलताओं की वजह से इसके परीक्षण में भी विलंब हुआ। अमेरिका के पास अलास्का और कैलिफोर्निया में 30 जमीन आधारित इंटरसेप्टर हैं, जिनकी कीमत 34 अरब डॉलर है। समझा जाता है कि ये इंटरसेप्टर उत्तर कोरिया की ओर से आसन्न खतरे का मुकाबला करने के लिए हैं। उत्तर कोरिया लंबी दूरी के बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र विकसित करने के लिए प्रयासरत है।
इंटरसेप्टर की नाकामी अमेरिका की महंगी जमीन आधारित इंटरसेप्टर प्रणाली के लिए एक और झटका है, क्योंकि वर्ष 2008 के बाद से इसका परीक्षण सफल नहीं हो पाया है। इस परीक्षण का उद्देश्य कैलिफोर्निया स्थित वान्डेनबर्ग एयरबेस से प्रक्षेपित इंटरसेप्टर की सफलता देखना था।
यह इंटरसेप्टर मार्शल द्वीपसमूह के क्वाजलीन पर एक अमेरिकी परीक्षण स्थल से छोड़े गए लंबी दूरी के बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र को निशाना बनाने के लिए छोड़ा गया था। अमेरिकी प्रक्षेपास्त्र एजेंसी के प्रवक्ता रिचर्ड लेहनर ने एक संक्षिप्त बयान में बताया, ...लेकिन उद्देश्य पूरा नहीं हो पाया। बयान में आगे कहा गया है, कार्यक्रम अधिकारी समीक्षा कर इस असफलता के कारण का पता लगाएंगे और उसे दूर करने की कोशिश करेंगे।
प्रक्षेपास्त्र रोधी हथियार में लगातार तकनीकी समस्या आ रही है। वर्ष 2010 में दो असफलताओं की वजह से इसके परीक्षण में भी विलंब हुआ। अमेरिका के पास अलास्का और कैलिफोर्निया में 30 जमीन आधारित इंटरसेप्टर हैं, जिनकी कीमत 34 अरब डॉलर है। समझा जाता है कि ये इंटरसेप्टर उत्तर कोरिया की ओर से आसन्न खतरे का मुकाबला करने के लिए हैं। उत्तर कोरिया लंबी दूरी के बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र विकसित करने के लिए प्रयासरत है।
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