
- अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप अमेरिकी रक्षा विभाग का नाम युद्ध विभाग करने जा रहे हैं ताकि शक्तिशाली छवि पेश हो सके
- एक कार्यकारी आदेश जारी कर सेकेंडरी टाइटल के रूप में युद्ध विभाग नाम के उपयोग की अनुमति दी जाएगी- व्हाइट हाउस
- ट्रंप का मानना है कि वर्तमान रक्षा विभाग का नाम बहुत रक्षात्मक है और युद्ध विभाग नाम ज्यादा तत्परता दर्शाता है
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप खुद को शांतिदूत बताते हैं, खुले मंच से खुद के मुंह से कहते हैं कि उन्हें शांति का नोबेल पुरस्कार चाहिए. लेकिन दूसरी तरफ अपनी ताकत की धौंस दिखाने से भी परहेज नहीं करते. अब जंग से उनके प्रेम का एक और सबूत सामने आया है. ट्रंप अमेरिका के रक्षा विभाग या पेंटागन (डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस) का नाम बदलकर युद्ध विभाग (डिपार्टमेंट ऑफ वॉर) कर रहे हैं. व्हाइट हाउस ने गुरुवार, 4 सितंबर को इसकी घोषणा की. अमेरिकी नेता ने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि कि नाम बदलकर इस विभाग को रीब्रांड करने से एक अधिक शक्तिशाली छवि पेश होगी.
एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार व्हाइट हाउस के एक डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि ट्रंप एक कार्यकारी आदेश (एग्जीक्यूटिव ऑर्डर) पर साइन करेंगे जिसमें ‘युद्ध विभाग' नाम को "सेकेंडरी टाइटल" के रूप में उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी. दरअसल अमेरिका में कानून पास करके इस विभाग का नाम रक्षा विभाग रखा गया है, इसलिए ट्रंप इसके आधिकारिक नाम को बनाए रखते हुए इसे युद्ध विभाग नाम देने जा रहे हैं और उसकी सरकार उसकी नाम का इस्तेमाल करेगी.
ट्रंप ऐसा क्यों कर रहे हैं?
व्हाइट हाउस के इस डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि नाम बदलना "तत्परता और संकल्प का एक मजबूत संदेश देता है."
गौरतलब है कि हाल के सप्ताहों में ट्रंप ने कई बार कहा है कि वह इस तरह का बदलाव करना चाहते हैं. उन्होंने दावा किया कि विभाग का पहले का नाम बहुत "रक्षात्मक" यानी डिफेंसिव है. उन्होंने 25 अगस्त को मीडिया के सामने कहा था, "जब हमने प्रथम विश्व युद्ध जीता था, जब हमने द्वितीय विश्व युद्ध जीता था, हमने सब कुछ जीता था तब इस विभाग का नाम युद्ध विभाग ही था."
अमेरिका के युद्ध विभाग का इतिहास
अमेरिका की आजादी के शुरुआती दिनों में स्थापित, युद्ध विभाग ऐतिहासिक रूप से अमेरिकी लैंड फोर्स की देखरेख करता था. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद एक सरकारी पुनर्गठन किया गया. इसे अमेरिकी नौसेना और वायु सेना के साथ एकीकृत करके राष्ट्रीय सैन्य प्रतिष्ठान (National Military Establishment) बनाया गया. 1949 में इसे रक्षा विभाग में बदल दिया गया.
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