आपके दशरथ मांझी पर बनी फिल्म 'मांझी' तो देखी ही होगी. इस पिक्चर में 'माउंटेन मैन' कहे जाने वाले बिहार के दशरथ मांझी के जुनून के बारे में दिखाया गया, कि कैसे उन्होंने सिर्फ एक हथौड़े और छेनी से 360 फुट लंबी, 30 फुट चौड़ी और 25 फुट ऊंचे पहाड़ को काट के एक सड़क बना डाली. इस सड़क को बनाने में उन्हें 22 सालों का समय लगा. ठीक इसी तरह केन्या के केगांडा गांव के एक शख्स ने जंगलों के बीच से अकेले सड़क बना डाली.
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वीडियो में निकोलस मुकामी की पूरी कहानी
45 साल के निकोलस मुकामी नाम के शख्स ने जंगल के बीच पत्थरों को काट कर एक किलोमीटर लंबी सड़क बना डाली. डेली नेशन के मुताबिक इस रास्ते से हम लोग शॉपिंग सेंटर और चर्च जाते हैं. यहां सड़क बनवाने के लिए सरकार से काफी बार बोला, लेकिन कोई मदद नहीं मिली.
निकोलस ने आगे बताया कि, सालों की गुहार के बाद भी जब सरकार से जब मदद नहीं मिली तो मैंने खुद इसका जिम्मा लिया.
निकोलस पेशे से मजदूर हैं. उन्होंने इस सड़क को बनाने के लिए हफ्ते भर के लिए अपना काम छोड़ा और सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक बिना रूके काम किया.
निकोलस मुकामी ने आगे बताया कि उन्होंने स्थानीय नेताओं से इस रोड के लिए बार-बार गुहार लगाई, लेकिन कुछ ना हुआ. इस वजह से उन्होंने अपने खेतों में काम करने वाले औज़ार उठाए और सड़क बनानी शुरू कर दी. आगे कहा कि इससे औरतों और बच्चों का बहुत समय बचेगा और वो लोग आराम से स्कूल, मार्केट और चर्च जा पाएंगे.
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इस गांव की एक महिला जोसफिन ने कहा कि हमें निकोलस का बहुत एहसान मानते हैं कि उन्होंने इस सड़क को बनाया. अब हम सभी निकोलस के लिए खाना लेकर जाते हैं ताकि वो बाकि काम भेट भरकर कर सकें. मैंने जंगल के उबड़-खाबड़ रास्ते की वजह से दो साल पहले ही चर्च जाना छोड़ दिया था, लेकिन अब मैं फिर से चर्च जा सकूंगी.
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