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This Article is From Jan 22, 2019

करतारपुर गलियारा: पाकिस्तान ने साझा किया प्रस्ताव, कहा- भारत दे मसौदे को अंतिम रूप

प्रस्तावित मसौदे (kartarpur corridor) के तहत भारतीय सिख तीर्थ यात्रियों को नरोवाल स्थित दरबार साहिब करतारपुर गुरुद्वारा जाने की सुविधा दी जाएगी.

करतारपुर गलियारा: पाकिस्तान ने साझा किया प्रस्ताव, कहा- भारत दे मसौदे को अंतिम रूप
करतारपुर कॉरिडोर पर पाकिस्तान व भारत करेंगे बात
इस्लामाबाद:

पाकिस्तान ने सोमवार को करतारपुर गलियारा (kartarpur corridor) समझौते का मसौदा भारत के साथ साझा किया है. पाकिस्तान ने भारतीय दल को इस्लामाबाद आकर मसौदे को अंतिम रूप देने का न्योता भी दिया है. बता दें कि प्रस्तावित मसौदे (kartarpur corridor) के तहत भारतीय सिख तीर्थ यात्रियों को नरोवाल स्थित दरबार साहिब करतारपुर गुरुद्वारा जाने की सुविधा दी जाएगी. यह गुरुद्वारा भारतीय सीमा में गुरदासपुर (kartarpur corridor) से करीब चार किलोमीटर की दूरी पर पाकिस्तान में स्थित है. पाकिस्तान के विदेश विभाग के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने एक बयान में कहा कि इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के माध्यम से प्रस्ताव का मसौदा भारत को सौंपा गया है.

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गौरतलब है कि पिछले साल पाकिस्तान सरकार के विदेश मंत्री के बयान के बाद दोनों सरकारें आमने-सामने खड़ी हो गई थी. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी द्वारा करतारपुर गलियारे (kartarpur corridor) को लेकर दिए बयान पर कड़ा ऐतराज जताया था. सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) ने कहा था कि इस तरह का बयान सिखों का अपमान करने जैसा है. स्वराज (Sushma Swaraj) ने ट्वीट कर कहा था कि श्रीमान पाकिस्तान के विदेश मंत्री आपके द्वारा कही गई गुगली वाली बात आपकी मंशा को पूरी तरह से लोगों के सामने रख रही है. इससे यह भी पता चलता है कि आपकी सरकार को सिखों की भावना की कोई परवाह नहीं है. उन्होंने आगे कहा था कि मैं आपको बताना चाहती हूं कि हम आपकी गुगली में नहीं फंसे हैं. हमारे दो मंत्री करतारपुर साहेब (kartarpur corridor) सिर्फ इसलिए गए ताकि वह इस पवित्र गुरुद्वारे में प्रार्थना कर सकें. 

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बता दें कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री महमूद कुरैशी ने कुछ दिन पहले करतारपुर गलियारे आने को लेकर भारत सरकार को दिए निमंत्रण पर कह था कि ऐतिहासिक करतारपुर गलियारे के शिलान्यास कार्यक्रम में भारत सरकार की मौजूदगी सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक 'गुगली' फेंकी, जिसकी वजह से भारत की नरेंद्र मोदी सरकार ने दो मंत्रियों को कार्यक्रम में शिरकत के लिए भेजा.

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कुरैशी की यह टिप्पणी विदेशमंत्री सुषमा स्वराज के एक दिन पहले दिए गए बयान पर आई है, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय वार्ता को फिर शुरू करने की संभावना को स्पष्ट रूप से यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि पाकिस्तान जब तक भारत के खिलाफ सीमा-पार से अंजाम दी जाने वाली आतंकवादी गतिविधियों को नहीं रोकता, बातचीत संभव नहीं है.पाकिस्तान ने इससे पहले बुधवार के कार्यक्रम में सुषमा स्वराज को भी आमंत्रित किया था, लेकिन स्वराज ने पूर्व प्रतिबद्धताओं का हवाला देते हुए करतारपुर साहिब आने में असमर्थता जताई थी.

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