विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत सरकार के अनुरोध के बावजूद, पाकिस्तान करतारपुर साहिब कॉरिडोर के माध्यम से गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर जाने वाले तीर्थयात्रियों से शुल्क वसूलना जारी रखे हुए है. विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा, "करतारपुर साहिब कॉरिडोर के माध्यम से पासपोर्ट मुक्त यात्रा करने के लिए निवेदन प्राप्त हुए हैं।. हालांकि, 24 अक्टूबर, 2019 को भारत और पाकिस्तान के बीच हस्ताक्षरित द्विपक्षीय समझौते में कहा गया है कि तीर्थयात्री वैध पासपोर्ट पर यात्रा करेंगे."
वीजा-मुक्त यात्रा
विदेश राज्य मंत्री ने उपरोक्त टिप्पणी लोकसभा सांसद हरसिमरत कौर बादल के एक प्रश्न के जवाब में की. हरसिमरत कौर ने पूछा था कि क्या सरकार के पास सिख तीर्थयात्रियों के लिए करतारपुर साहिब की यात्रा को पासपोर्ट मुक्त बनाने की कोई योजना है? विदेश राज्य मंत्री नेतीर्थयात्रियों की यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए उठाए गए कई कदमों पर प्रकाश डालते हुए कहा, "समझौता अन्य बातों के साथ, भारतीय तीर्थयात्रियों के साथ ही भारत के विदेशी नागरिक (ओसीआई) कार्डधारकों को भी भारत से पवित्र गुरुद्वारे तक वीजा-मुक्त यात्रा प्रदान करता है. पाकिस्तान में दरबार साहिब करतारपुर पूरे वर्ष दैनिक आधार पर तीर्थयात्रियों की यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए डेरा बाबा नानक शहर से जीरो पॉइंट तक एक राजमार्ग और एक एकीकृत चेक पोस्ट ( ICP) भारत की तरफ बनाया गया है."
24 अक्टूबर, 2019 को हुआ समझौता
भारत के अनुरोध के बावजूद, पाकिस्तान प्रत्येक यात्रा के लिए भारत के तीर्थयात्रियों से शुल्क लेना जारी रखे हुए है. मुरलीधरन ने अपने जवाब में बादल को बताया, "भारत सरकार ने लगातार पाकिस्तान सरकार से आग्रह किया है कि तीर्थयात्रियों की इच्छाओं के सम्मान में, करतारपुर साहिब कॉरिडोर के माध्यम से गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर जाने वाले तीर्थयात्रियों पर कोई शुल्क नहीं लगाया जाना चाहिए. हालांकि, पाकिस्तान प्रत्येक यात्रा के लिए प्रत्येक तीर्थयात्री से 20 अमरीकी डॉलर का शुल्क वसूल रहा है." तीर्थयात्रियों की गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर जाने की सुविधा के लिए भारत और पाकिस्तान सरकार ने एक समझौते पर 24 अक्टूबर, 2019 को हस्ताक्षर किए थे. 9 नवंबर, 2019 को इसके उद्घाटन के बाद से लगभग 1,70,000 तीर्थयात्री करतारपुर गए हैं. करतारपुर साहिब कॉरिडोर सप्ताह के सभी सातों दिन खुला रहता है. संयोग से, हरसिमरत कौर, बादल, जो उस समय मोदी कैबिनेट में मंत्री थीं, ने करतारपुर साहिब कॉरिडोर का दौरा करने वाले तीर्थयात्रियों के पहले प्रतिनिधिमंडल के साथ यात्रा की थी.
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