अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा (फाइल फोटो)
वाशिंगटन:
अमेरिका में नस्ली हिंसा में मारे गए भारतीय इंजीनियर श्रीनिवास कुचिभोटला का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. कंसास में निकाले गए शांति जुलूस और प्रार्थन सभा में सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया.वहीं अमेरिका की पूर्व विदेशमंत्री हिलेरी क्लिंटन ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से पिछले हफ्ते कंसास में एक भारतीय इंजीनियर की हत्या के बाद घृणा अपराध के खिलाफ बोलने का आह्वान किया है. हिलेरी क्लिंटन ने ट्विटर पर कहा, डर और घृणा अपराधों में वृद्धि हो रही है. उन्हें इस पर कदम उठाना चाहिए और बोलना चाहिए. ट्रंप ने अभी तक पिछले बुधवार की रात को हुई गोलीबारी पर कोई टिप्पणी नहीं की है. घृणा अपराध के तहत की गई गोलीबारी में भारतीय इंजीनियर श्रीनिवास कुचीभोटला की मौत हो गई थी और एक भारतीय आलोक मदसानी सहित दो अन्य व्यक्ति घायल हो गए थे.
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव बोले- घृणा अपराध कहना जल्दबाजी
हालांकि व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने पिछले सप्ताह कहा था कि इस घटना को घृणा अपराध कहना अभी बहुत जल्दबाजी होगी. स्पाइसर ने एक संवाददाता सम्मेलन में भी गोलीबारी का जिक्र किया. वह सेंट लुइस और फिलाडेल्फिया में यहूदी कब्रिस्तानों को कथित तौर पर क्षतिग्रस्त करने की घटना पर राष्ट्रपति की चिंताओं को व्यक्त कर रहे थे.
कंसास की खबरें परेशानी वाली
उन्होंने कहा, अमेरिका में किसी को भी स्वतंत्र रूप से और खुले तौर पर अपनी पसंद के धर्म का पालन करने में डर महसूस नहीं होना चाहिए. राष्ट्रपति हमारे राष्ट्र के इस सिद्धांत के संरक्षण के लिए समर्पित हैं. व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव ने कहा, मैं कानूनी एजेंसियों के कहने से पहले कुछ नहीं कहना चाहता लेकिन मुझसे कंसास में हुई गोलीबारी के बारे में पूछा गया हालांकि घटनाक्रम के बारे में पूरी जानकारी अभी धीरे-धीरे मिल रही है लेकिन कंसास से मिली शुरुआती खबरें परेशान करने वाली हैं.
गौरतलब है कि 22 फरवरी को कंसास शहर में पूर्व नौसैनिक एडम डब्ल्यू.परिंटन ने एक बार में दो भारतीयों पर गोली चला दी थी, जिसमें कुचिभोटला की मौत हो गई थी, जबकि आलोक मदासानी गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इन दोनों भारतीयों के बचाव में आगे आए एक अमेरिकी नागरिक को भी गोली लगी थी. डब्ल्यू परिंटन (51) गोली चलाने से पहले चिल्लाया था कि दफा हो जाओ मेरे देश से. (इनपुट्स भाषा से)
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव बोले- घृणा अपराध कहना जल्दबाजी
हालांकि व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने पिछले सप्ताह कहा था कि इस घटना को घृणा अपराध कहना अभी बहुत जल्दबाजी होगी. स्पाइसर ने एक संवाददाता सम्मेलन में भी गोलीबारी का जिक्र किया. वह सेंट लुइस और फिलाडेल्फिया में यहूदी कब्रिस्तानों को कथित तौर पर क्षतिग्रस्त करने की घटना पर राष्ट्रपति की चिंताओं को व्यक्त कर रहे थे.
कंसास की खबरें परेशानी वाली
उन्होंने कहा, अमेरिका में किसी को भी स्वतंत्र रूप से और खुले तौर पर अपनी पसंद के धर्म का पालन करने में डर महसूस नहीं होना चाहिए. राष्ट्रपति हमारे राष्ट्र के इस सिद्धांत के संरक्षण के लिए समर्पित हैं. व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव ने कहा, मैं कानूनी एजेंसियों के कहने से पहले कुछ नहीं कहना चाहता लेकिन मुझसे कंसास में हुई गोलीबारी के बारे में पूछा गया हालांकि घटनाक्रम के बारे में पूरी जानकारी अभी धीरे-धीरे मिल रही है लेकिन कंसास से मिली शुरुआती खबरें परेशान करने वाली हैं.
गौरतलब है कि 22 फरवरी को कंसास शहर में पूर्व नौसैनिक एडम डब्ल्यू.परिंटन ने एक बार में दो भारतीयों पर गोली चला दी थी, जिसमें कुचिभोटला की मौत हो गई थी, जबकि आलोक मदासानी गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इन दोनों भारतीयों के बचाव में आगे आए एक अमेरिकी नागरिक को भी गोली लगी थी. डब्ल्यू परिंटन (51) गोली चलाने से पहले चिल्लाया था कि दफा हो जाओ मेरे देश से. (इनपुट्स भाषा से)
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