Kabul Airport Attack: आंखें बंद और लड़खड़ाती हुई आवाज....अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद काबुल से निकासी (Kabul evacuation) के दौरान हुए विस्फोट में अपने 13 सैनिकों को गंवाने का दर्द अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) की शारीरिक अवस्था से समझा जा सकता था. इस घटना को उनके राष्ट्रपति पद के कार्यकाल के लिए बड़ा आघात माना जा सकता है. व्हाइट हाउस से संवाददाताओं को संबोधित करते हुए हुए खामोशी के बीच बाइडेन ने कुछ क्षण के लिए सर झुका लिया और इसके बाद पत्रकारों के सवालों के जवाब देने शुरू किए. मारे गए 'हीरोज' की बात करते हुए वे कई बार भावुक होते नजर आए और उनकी आंखों में आंसू भर आए. हालांकि जब उन्होंने हमलावरों को ढूंढ निकालकर मौत के घाट उतारने की बात कही तो उनकी आवाज में बेहद दृढ़ता थी. वैसे इस बात में कोई संदेह नहीं कि काबुल एयरपोर्ट की विस्फोट की घटना ने बाइडेन को राष्ट्रपति के तौर पर हिला दिया है.
काबुल एयरपोर्ट पर हुए ब्लास्ट में कई अमेरिकी सैनिकों की मौत: पेंटागन
डोनाल्ड ट्रंप के 'अशांति' से भरे सालों बाइडेन ने जनवरी में राष्ट्रपति का ऑफिस संभाला था तो शांति और विदेशों में अमेरिका को सम्मान वापस दिलाने का वादा किया था. अब अगर बाइडेन को अमेरिका और सहयोगियों को यह समझाना है कि लक्ष्य अभी भी हासिल किया जा सकता है तो यह उनके लिए बड़ी चढ़ाई करने की चुनौती जैसा है. 78 वर्षीय डेमोक्रेट बाइडेन को पहले से ही अमेरिका समर्थित सरकार के गिरने और अमेरिकी सैनिकों-नागरिकों की अफगानिस्तान से वापसी के मामले में आलोचना का सामना करना पड़ा रहा है.
बाइडेन ने अफगानिस्तान से सैनिकों को वापस बुलाकर हजारों अमेरिकियों को मरने के लिए छोड़ा : ट्रंप
अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा किस हमले को अंजाम देने के साथ-साथ अमेरिका को नुकसान पहुंचाने की इच्छा रखने वाला कोई भी व्यक्ति ये जान लें . हम माफ नहीं करेंगे, हम नहीं भूलेंगे, चुन-चुन कर तुम्हारा शिकार करेंगे और मारेंगे. आपको इसका अंजाम भुगतना होगा. इस आत्मघाती हमले का शिकार हुए अमेरिकी सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने कहा कि काबुल से नागरिकों को निकालने का मिशन तय तारीख 31 अगस्त तक जारी रहेगा. बाइडेन ने कहा कि हम आतंकवादियों से नहीं डरेंगे और हम उनको अपना मिशन नहीं रोकने देंगे. नागरिकों को अफगानिस्तान से निकालना जारी रखेंगे. उन्होंने अफगानिस्तान छोड़ने के लिए सभी अमेरिकी सैनिकों के लिए 31 अगस्त की समय सीमा की पुष्टि की और कहा कि अमेरिकी सेना उस तारीख से पहले अधिक से अधिक लोगों को बाहर निकाल देगी.बाइडेन ने ये भी कहा कि खतरे को जानते हैं, ये भी जानते हैं कि एक और हमला हो सकता है, सेना ने निष्कर्ष निकाला है कि लोगों को बाहर निकालने का काम चलता रहे. मुझे लगता है कि वे सही है. उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें इस बात का कोई सबूत नहीं मिला है कि तालिबान ने काबुल में घातक हमलों को अंजाम देने में इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों के साथ मिलीभगत की थी. गौरतलब है कि काबुल एयरपोर्ट के बाहर तीन धमाके हुए. धमाके में 60 से ज़्यादा लोगो के मारे जाने की खबर है. आईएसआईएस खुरासन ने ली हमले की ज़िम्मेदारी ली.
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