लाहौर:
मुंबई आतंकी हमले के आरोपी हाफिज सईद के संगठन जमात-उत-दावा ने पाकिस्तान में चंदा एकत्रित करने पर लगे प्रतिबंध से बचने के लिए अपनी शाखा फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (एफआईएफ) बना ली है। जमात-उत-दावा अब इस शाखा के नाम से चंदा जुटा रहा है और पुलिस उन्हें रोकने के लिए कुछ नहीं कर पा रही है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने खबर दी है कि इसके अलावा सईद और उसका बेटा हाफिज ताल्हा सईद ने रमजान के दौरान शहर के विभिन्न भागों में मस्जिदों में भाषण दिये और चंदा एकत्रित किया। खबर में कहा गया, पुलिस जमात-उत-दावा की शाखा एफआईएफ को ईद से पूर्व चंदा मांगने और लेने से रोकने के लिए कुछ नहीं कर रही है जबकि जमात एक आतंकवादी संगठन के तौर पर प्रतिबंधित संगठन है और उस पर चंदा जुटाने पर रोक है। पांच अगस्त को गृह मंत्रालय ने 25 प्रतिबंधित संगठनों की सूची जारी की थी जिसमें जमात-उत-दावा का नाम भी शामिल था। इन संगठनों के चंदा जुटाने पर रोक है। अखबार ने कहा कि अतीत की तरह जेयूडी केवल अपना नाम बदलकर प्रतिबंध से बच रहा है। जमात-उत-दावा, लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा है जिसने 2008 में मुंबई में आतंकी हमला कराया था। एफआईएफ शिविरों में जेयूडी का काला और सफेद झंडा फहराता है और यहां बैनर लगे हैं जिनमें बाढ़ प्रभावितों और अन्य जरूरतमंदों की मदद के लिए चंदा मांगा जाता है। द मॉल में दो, धरमपुरा में एक, मून मार्केट इकबाल टाउन में एक और शादमन मार्केट में एक एफआईएफ शिविर है जहां धन के साथ चंदे के रूप में आटा, चावल और कपड़े लिये जा रहे हैं। जेयूडी सूत्रों के हवाले से कहा गया कि संगठन के नेताओं को ये शिविर लगाने के लिए पंजाब सरकार की ओर से अनौपचारिक अनुमति है। एक जेयूडी सदस्य ने कहा, हम पुलिस छापों को लेकर चिंतित नहीं हैं।