अमेरिका में जो बाइडेन प्रशासन (Joe Biden Administration) ने 1.17 अरब डॉलर की अनुमानित लागत पर MH-60R मल्टी-मिशन हेलीकॉप्टर इक्यूपमेंट समेत संबंधित उपकरणों की बिक्री को मंजूरी दे दी है. रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी ने कांग्रेस (US Parliament)को इसकी जानकारी देते हुए कहा है कि प्रस्तावित बिक्री से भारत की एंटी-सबमरीन वॉरफेयर क्षमताएं अपग्रेड होंगी. इससे भविष्य के खतरों से निपटने में मदद मिलेगी.
बाइडेन प्रशासन का कार्यकाल खत्म होने से कुछ हफ्ते पहले भारत को प्रमुख रक्षा उपकरणों की बिक्री की मंजूरी का यह फैसला लिया गया है. नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे. अधिसूचना के मुताबिक, भारत ने 30 मल्टीफंक्शनल इंफार्मेशन डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम-ज्वॉइंट टैक्टिकल रेडियो सिस्टम (MIDS-JDRS) खरीदने का अनुरोध किया है.
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मल्टीफंक्शनल इंफार्मेशन डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम में हाइटेक डेटा ट्रांसफर, आउटर फ्यूल टैंक, AN/AAS 44C(V)फॉरवर्ड लुकिंग इंफ्रारेड(FLIR)सिस्टम, एक ऑपरेटर मशीन इंटरफ़ेस असिस्टेंट, स्पेयर कंटेनर, फेसिलिटी स्टडीज, डिज़ाइन, कंस्ट्रक्शन और सपोर्ट, सपोर्ट टेस्ट इक्यूपमेंट, युद्ध सामग्री और इंटिग्रेशन शामिल है.
बाइडेन प्रशासन ने भारत को प्रमुख रक्षा उपकरणों की बिक्री की मंजूरी अपने 4 साल के कार्यकाल के पूरा होने से कुछ सप्ताह पहले दी है. इस बिक्री में मुख्य रूप से कॉन्ट्रैक्ट ‘लॉकहीड मार्टिन रोटरी और मिशन सिस्टम' के साथ होगा.
इसमें कहा गया है कि इसके कार्यान्वयन के वास्ते तकनीकी सहायता और प्रबंधन निरीक्षण के लिए अस्थायी आधार पर अमेरिका की सरकार 20 या कॉन्ट्रैक्ट में शामिल कंपनियों के 25 प्रतिनिधियों की भारत की यात्रा की जरूरत होगी.
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