डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो)
वाशिंगटन:
रिपब्लिकन के राष्ट्रपति उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यदि अमेरिका पर हमला हो तो पूरा जापान अपने घर बैठकर सोनी टेलीविजन देखेगा.
टेलीग्राफ के मुताबिक, वह शुक्रवार को आयोवा में एक अभियान के दौरान अपनी हताशा में बोले कि अमेरिका इस एशियाई राष्ट्र की रक्षा करने के लिए एक संधि से बंधा है. लेकिन यदि अमेरिका पर हमला हो तो जापान अनुच्छेद 9 के कारण मदद नहीं कर सकता. यह अनुच्छेद विदेशों में सशस्त्र बल भेजने की संवैधानिक रूप से मनाही करता है.
ट्रंप ने पूछा, "क्या आप जानते हैं कि हम जापान से एक संधि से बंधे हैं, जिसके तहत यदि जापान पर हमला होता है तो हमें अमेरिका की अपनी पूरी फौज और शक्ति का इस्तेमाल करना होगा. यदि हम पर हमला होता है, तो जापान को कुछ करने की जरूरत नहीं है. वे घर में बैठकर आराम से सोनी टेलीविजन देख सकते हैं. यह किस तरह की संधि है?"
टेलीग्राफ के मुताबिक, अमेरिका और जापान ने 19 जनवरी, 1960 को आपसी सहयोग और सुरक्षा संधि पर हस्ताक्षर किया था. ट्रंप ने कहा कि उनका देश जापान, दक्षिणी कोरिया, जर्मनी, सऊदी अरब और अन्य राष्ट्रों की हिफाजत करता है, लेकिन "वे इस सुरक्षा खर्च पर आने वाली लागत का भी भुगतान नहीं करते."
टेलीग्राफ के मुताबिक, मैनहट्टन के अरबपति ने कहा, "उन्हें भुगतान करना होगा. क्योंकि यह 40 साल पहले की स्थिति नहीं है. यह दोतरफा मामला है."
हालांकि रिपब्लिक उम्मीदवार की यह टिप्पणी जापान पर उनका ताजा हमला था. इससे पहले सप्ताह के अंत में उन्होंने मुस्लिम अमेरिकी युद्ध के नायक के दुखी माता-पिता को अपमानित किया था और एक रोते हुए बच्चे को उसकी मां से रैली में नहीं लाने को कहा था. इससे उनकी मतदान संख्या बुरी स्थिति में पहुंच गई. मौजूदा समय में 47,000 अमेरिकी सैन्य अधिकारी जापान में हैं. यह गठबंधन अमेरिका के एशिया-प्रशांत रणनीति और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
टेलीग्राफ के मुताबिक, वह शुक्रवार को आयोवा में एक अभियान के दौरान अपनी हताशा में बोले कि अमेरिका इस एशियाई राष्ट्र की रक्षा करने के लिए एक संधि से बंधा है. लेकिन यदि अमेरिका पर हमला हो तो जापान अनुच्छेद 9 के कारण मदद नहीं कर सकता. यह अनुच्छेद विदेशों में सशस्त्र बल भेजने की संवैधानिक रूप से मनाही करता है.
ट्रंप ने पूछा, "क्या आप जानते हैं कि हम जापान से एक संधि से बंधे हैं, जिसके तहत यदि जापान पर हमला होता है तो हमें अमेरिका की अपनी पूरी फौज और शक्ति का इस्तेमाल करना होगा. यदि हम पर हमला होता है, तो जापान को कुछ करने की जरूरत नहीं है. वे घर में बैठकर आराम से सोनी टेलीविजन देख सकते हैं. यह किस तरह की संधि है?"
टेलीग्राफ के मुताबिक, अमेरिका और जापान ने 19 जनवरी, 1960 को आपसी सहयोग और सुरक्षा संधि पर हस्ताक्षर किया था. ट्रंप ने कहा कि उनका देश जापान, दक्षिणी कोरिया, जर्मनी, सऊदी अरब और अन्य राष्ट्रों की हिफाजत करता है, लेकिन "वे इस सुरक्षा खर्च पर आने वाली लागत का भी भुगतान नहीं करते."
टेलीग्राफ के मुताबिक, मैनहट्टन के अरबपति ने कहा, "उन्हें भुगतान करना होगा. क्योंकि यह 40 साल पहले की स्थिति नहीं है. यह दोतरफा मामला है."
हालांकि रिपब्लिक उम्मीदवार की यह टिप्पणी जापान पर उनका ताजा हमला था. इससे पहले सप्ताह के अंत में उन्होंने मुस्लिम अमेरिकी युद्ध के नायक के दुखी माता-पिता को अपमानित किया था और एक रोते हुए बच्चे को उसकी मां से रैली में नहीं लाने को कहा था. इससे उनकी मतदान संख्या बुरी स्थिति में पहुंच गई. मौजूदा समय में 47,000 अमेरिकी सैन्य अधिकारी जापान में हैं. यह गठबंधन अमेरिका के एशिया-प्रशांत रणनीति और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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