
प्रतीकात्मक तस्वीर
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एक माह के दौरान 159 घंटे का ओवरटाइम
रिपोर्टर की हृदयगति रुकने से हुई मौत
मौत से पहले महीने में दो दिनों का अवकाश लिया
नोट की छपाई पर पड़ेगा असर, कर्मचारियों ने किया ओवरटाइम करने से इनकार
एनएचके ने सादो के माता-पिता द्वारा ऐसी घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कार्रवाई का दबाव डाले जाने के बाद घटना के चार साल बाद यह मामला सार्वजनिक किया. काम के घंटों के लिए बदनाम जापान में इस मामले के बाद लंबे समय तक काम करने की समस्या फिर से चर्चा में आ गई.
बैंक कर्मचारियों को नहीं मिल रहा ओवरटाइम, मामला पहुंचा श्रम आयोग के पास
एनएचके के लिए एक शर्मनाक रहस्योद्घाटन भी है, जिसने जापान में लंबे समय तक काम करने की संस्कृति के खिलाफ अभियान चलाया है.
सादो ने जून 2013 में तोक्यो विधानसभा चुनावों और अगले महीने राष्ट्रीय संसद के लिए उच्चस्तरीय मतदान की रिपोर्टिंग की थी. ऊपरी सदन के चुनाव के तीन दिन बाद उसकी मौत हो गई. उसकी मां ने दैनिक समाचार असाही को बताया, आखिरी क्षणों में वह मुझे फोन करना चाहती थी और यह सोचकर मेरा दिल टूट गया.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)