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This Article is From Aug 27, 2018

बुलेट ट्रेन की गति 300 किलोमीटर और सुरंग में लाइन के ठीक बगल में बैठे होते हैं वे...

जापान में बुलेट ट्रेन के रख-रखाव कर्मचारियों को गुजरना पड़ता है दिल दहलाने वाले प्रशिक्षण से

बुलेट ट्रेन की गति 300 किलोमीटर और सुरंग में लाइन के ठीक बगल में बैठे होते हैं वे...
प्रतीकात्मक फोटो.
  • अगस्त 2015 में हुए हादसे के बाद कंपनी जेआर वेस्ट ने खास ट्रेनिंग शुरू की
  • कर्मचारियों से शिकायतें मिलीं, लेकिन प्रशिक्षण में नहीं होगा बदलाव
  • ट्रेनिंग इसलिए ताकि रफ्तार को महसूस करके गंभीरता से काम करें कर्मचारी
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टोक्यो: बुलेट ट्रेन 300 किलोमीटर की रफ्तार से भागती है और सुरंग के अंदर ट्रेन की लाइन के ठीक बगल में बैठे होते हैं लोग...सांसें रोककर वे इस दहला देने वाले अनुभव से गुजरते हैं. ये लोग जापान में बुलेट बुलेट ट्रेन का रख-रखाव करने वाले कर्मचारी हैं जिन्हें इस खास तरह के प्रशिक्षण से गुजरना पड़ता है.

सुरंग में प्रति घंटे 300 किलोमीटर की रफ्तार से चल रही बुलेट ट्रेन की लाइन के ठीक बगल में बैठना इन कर्मचारियों के प्रशिक्षण का हिस्सा है. इस खतरनाक प्रशिक्षण को लेकर रेल कंपनी ने इसे बुलेट ट्रेन की सुरक्षा के लिए अपनाई जाने वाली कवायद कहा है. कंपनी ने इस खास प्रशिक्षण का बचाव किया है, जिसके तहत कर्मचारियों को सुरंग के भीतर लाइन के बिल्कुल बगल में बैठना पड़ता है. बताया जाता है कि इस प्रशिक्षण का मकसद कर्मचारियों को यह जताना होता है कि ट्रेन बहुत तेज रफ्तार से भागती है और उन्हें भी अपना काम गंभीरता से करने की जरूरत है.

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कंपनी जेआर वेस्ट ने बताया कि कुछ कर्मचारियों से शिकायतें मिली हैं लेकिन इसमें बदलाव नहीं किया जाएगा. कंपनी के एक प्रवक्ता ने बताया कि जापान की चर्चित शिंकेनसेन बुलेट ट्रेन के रख-रखाव के लिए करीब 190 कर्मचारियों को प्रशिक्षण मिला है. उन्होंने कहा, ‘‘प्रशिक्षण के दौरान रखरखाव कर्मचारियों को उनकी नौकरी के प्रत्येक महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में बताया जाएगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रशिक्षण के दौरान हम सुरक्षा पर बहुत करीब से नजर रखते हैं.’’ हालांकि, कुछ कर्मचारियों ने इसकी शिकायतें भी की है.

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कंपनी ने कहा कि खास उद्देश्य और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह प्रशिक्षण जारी रहेगा. अगस्त 2015 में हादसे के बाद जेआर वेस्ट ने इस प्रशिक्षण की शुरुआत की थी. सुरक्षा के लिए भले इस प्रशिक्षण से गुजरना जरूरी हो लेकिन कुछ कर्मचारियों के लिए यह दिल दहलाने वाला अनुभव साबित होता है.

VIDEO : बुलेट ट्रेन का देश

टोक्यो शिंबुन अखबार ने एक कर्मचारी के हवाले से कहा, ‘‘यह खौफनाक अनुभव था.’’ एक अन्य कर्मचारी ने इस तजुर्बे को सजा की तरह बताया.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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