
- मुंबई से अहमदाबाद तक 508 किलोमीटर लंबी बुलेट ट्रेन परियोजना दिसंबर 2029 तक पूरी होने की उम्मीद है
- इस परियोजना की कुल लागत लगभग एक लाख आठ हजार करोड़ रुपये है, जिसमें जापान की हिस्सेदारी 81 प्रतिशत है
- महाराष्ट्र, गुजरात और दादर नगर हवेली से होकर गुजरने वाली बुलेट ट्रेन के 12 स्टेशन बनाए जाएंगे
सरकार ने बुधवार को लोकसभा में बताया कि देश में पहली बुटेल ट्रेन कबसे चलने लगेगी. सरकार ने बताया कि इस परियोजना का पूरा काम दिसंबर 2029 तक पूरा हो जाने की उम्मीद है. काम पूरा हो जाने के बाद काम का मूल्यांकन कर परिचालन शुरू करने का फैसला किया जाएगा. सरकार ने बताया कि एक लाख आठ हजार करोड़ रुपये की इस परियोजना का 81 फीसदी हिस्सा जापान की एक कंपनी कर रही है. बाकी की हिस्सा रेल मंत्रालय, गुजरात और महाराष्ट्र की सरकारें मिलकर खर्च कर रही हैं. इस साल 30 जून तक इस परियोजना पर 78 हजार 839 करोड़ रुपये खर्च हो चुके थे.
देश में कबसे चलने लगेगी बुलेट ट्रेन
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में गुजरात के खेड़ा से बीजेपी सांसद देवुसिंह चौहान और गुजरात के ही सूरत से बीजेपी सांसद मुकेश दलाल के तारांकित सवालों के लिखित जवाब में यह जानकारी दी. बीजेपी के इन सांसदों ने जानना चाहा था कि मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन की परियोजना की ताजा स्थिति क्या है. उन्होंने यह भी जानना चाहा था कि इस रूट पर बुलेट ट्रेन कबसे चलने लगेगी. उन्होंने यह भी सवाल पूछा कि था कि इसके लिए कितने का बजट दिया गया है और बजट का कितना हिस्सा अबतक खर्च हुआ है.

इन सवालों के जवाब में रेल मंत्री ने बताया कि मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (एमएएचएसआर) प्रोजेक्ट कुल 508 किलोमीटर की है. इस परियोजना पर जापान सरकार की वित्तिय और तकनीकी सहायता से काम चल रहा है. बुलेट ट्रेन महाराष्ट्र, गुजरात और दादर नगर हवेली से होकर गुजरेगी. इस रूट पर कुल 12 स्टेशन- मुंबई, थाणे, विरार, बोईसर, बापी, बिल्लीमोरा, सूरत, भरूच, वड़ोदरा, आनंद, अहमदाबाद और साबरमती बनाए जाएंगे.
बुलेट ट्रेन पर कितना आएगा खर्च
रेल मंत्री ने बताया कि गुजरात में बापी से साबरमती के बीच के हिस्से पर काम दिसंबर 2027 तक पूरा कर लेने की योजना है. वहीं पूरी परियोजना दिसंबर 2029 तक पूरी कर लेने की योजना है. उन्होंने बताया कि बुलेट ट्रेन की परियोजना एक बहुत ही जटिस परियोजना है,ऐसे में इसके पूरी तरह से पूरा हो जाने का निर्धारण सिविल वर्क, ट्रैक, बिजली, सिग्ननल, टेलीक्म्यूनिकेशन और ट्रेन के सेट मिल जाने के बाद ही किया जा सकता है.
उन्होंने बताया कि इस परियोजना पर कुल लागत करीब एक लाख आठ हजार करोड़ रुपये की आएगी. इसका 81 फीसदी हिस्सा जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जेआईसीए) कर रही है. यह करीब 88 हजार करोड़ रुपये के बराबर है. वहीं बाकी का 19 फीसदी या 20 हजार करोड़ रुपये रेल मंत्रालय, गुजरात और महाराष्ट्र मिलकर करेंगे. इसका 50 फीसदी हिस्सा रेल मंत्रालय और 25-25 फीसदी गुजरात और महाराष्ट्र मुहैया कराएंगे. इस परियोजना पर इस साल 30 जून तक करीब 78 हजार 839 करोड़ रुपये खर्च हो चुके थे. उन्होंने बताया कि बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए जरूरी पूरी जमीन का अधिग्रहण हो चुका है.
रेल मंत्री ने बताया कि भारत में एमएएचएसआर कॉरिडोर से आगे बुलेट ट्रेन नेटवर्क के विस्तार और व्यवसायिक, आर्थिक और पर्यटन महत्व के शहरों के बीच बढ़ती यात्री मांग को पूरा करने के लिए नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर रहा है.
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