इतिहास में 11 मार्च की तारीख पर जो घटनाएं दर्ज हैं, उनमें जापान में आया भीषण भूकंप (Japan Earthquake) और उसके बाद समुद्र में उठी प्रलंयकारी सुनामी (Japan Tsunami) सबसे प्रमुख है. वह 11 मार्च, 2011 का दिन था, जब जापान में प्रशांत तट पर तोहोकू के पास समुद्र में रिक्टर पैमाने पर 9 तीव्रता के भीषण भूकंप के बाद सुनामी ने भयंकर तबाही मचाई और करीब 19 हजार लोगों की मौत के साथ ही संपत्ति का भारी नुकसान हुआ था. यह जापान के इतिहास का अब तक का सबसे शक्तिशाली भूकंप था. कल (गुरुवार) इसे 10 साल पूरे हो जाएंगे. इन 10 वर्षों में जापान ने खुद को फिर से खड़ा किया और पहले से ज्यादा ताकत के साथ मजबूत किया.
भूकंप और सुनामी से मची तबाही का असर फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट पर भी देखने को मिला था. इस वजह से हवा, पानी और जमीन पर काफी मात्रा में रेडिएशन फैल गया था. सैटेलाइट तस्वीरें बता रही हैं कि कैसे जापान कुछ ही घंटों के भीतर तबाह हो गया था और 10 साल बाद जापान ने खुद को फिर से बेहद खूबसूरती से खड़ा किया.
ऊपर दी गई एक तस्वीर तबाही से करीब डेढ़ साल पहले 15 नवंबर, 2009 की है. इस फोटो में न्यूक्लियर प्लांट साफ दिखाई दे रहा है. वहीं 14 मार्च, 2011 की सैटेलाइट तस्वीर तबाही की दास्तां बयां करने के लिए काफी है. यह भूकंप इतना शक्तिशाली था कि यह जापान के मुख्य होन्शु द्वीप से 2.4 मीटर पूर्व में चला गया और हो सकता है कि यह अपने अक्ष पर पृथ्वी को भी स्थानांतरित कर दे.
इन तस्वीरों में आप 7 जून, 2010 यानी भूकंप-सुनामी से करीब एक साल पहले बसे जापान और आपदा के बाद उजड़ चुके जापान की तस्वीरें भी साफ देख सकते हैं.
जापान ने खुद को दोबारा बसाने में 31.3 ट्रिलियन येन खर्च किए. यह राशि करीब मिस्र की अर्थव्यवस्था के बराबर है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अगले पांच साल में जापान का 1.6 ट्रिलियन येन और खर्च करने का प्लान है. (इनपुट भाषा से भी)
VIDEO: भारत के पूर्वी तट और पश्चिमी तट पर सुनामी का मॉक ड्रिल
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