PM मोदी ने आज अपने जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा के साथ कोविड-19 महामारी के बाद शांतिपूर्ण, स्थिर और समृद्ध दुनिया के लिए भारत-जापान रणनीतिक साझेदारी का विस्तार करने के लिए चर्चा की. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि सबसे पहले मैं प्रधानमंत्री किशिदा और उनके प्रतिनिधिमंडल का भारत में हार्दिक स्वागत करता हूं. पिछले एक वर्ष में प्रधानमंत्री किशिदा और मैं कई बार मिले हैं. और हर बार, मैंने भारत-जापान संबंधों के प्रति उनकी सकारात्मकता और प्रतिबद्धता को महसूस किया है और इसलिए आज की उनकी यात्रा हमारे आपसी सहयोग का मोमेन्टम बनाए रखने के लिए बहुत उपयोगी रहेगी.
आज की हमारी मुलाकात एक और कारण से भी विशेष है. इस साल भारत G20 की अध्यक्षता कर रहा है और जापान G7 की और इसलिए अपनी अपनी प्राथमिकताओं और हितों पर साथ मिलकर काम करने का यह उत्तम अवसर है. आज मैंने प्रधानमंत्री किशिदा को भारत की G-20 अध्यक्षता की प्राथमिकताओं के बारे में बताया. हमारी G20 अध्यक्षता का एक महत्वपूर्ण स्तंभ ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं को आवाज़ देना है. "वसुधैव कुटुम्बकम” को मानने वाली संस्कृति सभी को साथ लेकर चलने में विश्वास रखती है और इसीलिए हमने यह पहल की है.
पीएम मोदी ने आगे कहा कि भारत-जापान Special Strategic and Global Partnership हमारे साझा लोकतान्त्रिक मूल्यों, और अंतरराष्ट्रीय पटल पर rule of law के सम्मान पर आधारित है. इस साझेदारी को मजबूत बनाना हमारे दोनों देशों के लिए तो महत्वपूर्ण है ही, इससे Indo-Pacific क्षेत्र में शान्ति, समृद्धि और स्थिरता को भी बढ़ावा मिलता है. आज हमारी बातचीत में हमने द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति की समीक्षा की. हमने रक्षा उपकरण और टेक्नोलॉजी सहयोग, व्यापार, स्वास्थ्य, और डिजिटल साझेदारी पर विचारों का आदान-प्रदान किया. सेमिकन्डक्टर और अन्य क्रिटिकल टेक्नोलॉजी में विश्वस्त सप्लाई चेन के महत्व पर भी हमारे बीच सार्थक चर्चा हुई. पिछले साल, हमने अगले 5 वर्षों में भारत में 5 ट्रिलियन येन, यानी तीन लाख बीस हजार करोड़ रुपए के जापानी निवेश का लक्ष्य तय किया था. यह संतोष का विषय है, कि इस दिशा में अच्छी प्रगति हुई है.
मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड ट्रेन पर भी हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. मुझे इस बात की भी खुशी है कि हम 2023 को टूरिज्म एक्सचेंज वर्ष के रूप में मना रहे हैं और इसके लिए हमने "Connecting Himalayas with Mount Fuji” नाम का थीम चुना है.
उन्होंने आगे कहा कि आज प्रधानमंत्री किशिदा ने मुझे मई महीने में हिरोशिमा मे होने वाली G7 लीडर्स समिट के लिए निमंत्रण दिया. इसके लिए उनका हृदय से धन्यवाद करता हूं. इसके कुछ महीनों बाद सितम्बर में G20 लीडर्स समिट के लिए मुझे प्रधानमंत्री किशिदा का फिर से भारत में स्वागत करने का अवसर मिलेगा. हमारी बातचीत और संपर्कों का यह सिलसिला इसी प्रकार चलता रहे और भारत-जापान संबंध लगातार नई ऊंचाइयों को छूते रहें, इसी कामना के साथ, मैं अपनी वाणी को विराम देता हूं.
गौरतलब है कि इससे पूर्व किशिदा ने रविवार को कहा था कि उनकी यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच ‘‘विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी'' को और गहरा करना होगा. उन्होंने कहा कि इस साल जापान जी-7 की अध्यक्षता कर रहा है जबकि भारत जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है. मैं इस सवाल पर प्रधानमंत्री मोदी के साथ विचारों का आदान-प्रदान करना चाहता हूं कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय में जापान और भारत की क्या भूमिका निभानी चाहिए.''
किशिदा ने कहा कि इसके साथ ही द्विपक्षीय जापान-भारत संबंधों के संबंध में, मैं भारत और जापान के बीच विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को और गहरा करने की पुष्टि करना चाहता हूं.''
उन्होंने कहा कि मैं मुक्त एवं खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए एक नयी योजना पर भारत में एक संबोधन भी दूंगा. मैं इस ऐतिहासिक मोड़ पर खुले और मुक्त हिंद-प्रशांत की भूमिका के बारे में स्पष्ट रूप से अपनी सोच रखूंगा.''
(इनपुट्स भाषा से भी)
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