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This Article is From Jan 24, 2022

Israel में 'बदनाम Pegasus Spyware' के दुरुपयोग की जांच शुरू, अटॉर्नी जनरल बनाएंगे टीम

अटॉर्नी जनरल ने वो सभी वारंट उनके कार्यालय को उपलब्ध कराने को कहा है, जिनके आधार पर बीते दो सालों के दौरान लोगों के संवाद को सुना गया. इससे पहले पेगासस ने पूरी दुनिया में गोपनीयता का उल्लंघन किए जाने के मुद्दों पर कई चिंताएं पैदा कर दीं थीं. 

Israel में 'बदनाम Pegasus Spyware' के दुरुपयोग की जांच शुरू, अटॉर्नी जनरल बनाएंगे टीम
इजरायल में पुलिस ने जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस का कथित दुरुपयोग किया (प्रतीकात्मक तस्वीर)
यरुशलम:

भारत (India) समेत कई देशों में पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, राजनेताओं और अन्य लोगों की जासूसी के मामले में सुर्खियों में आया इज़रायली सॉफ्टवेयर पेगासस (Israeli Spyware Pegasus) एक बार फिर चर्चा में है. एक इज़रायली मीडिया ने खबर थी कि इज़रायल की पुलिस(Israeli Police)  पेगासेस का इस्तेमाल इज़रायली नागरिकों के खिलाफ ही कर रही है. अब इज़रायली नागरिकों पर पेगासेस के दुरुपयोग के मामले की जांच के लिए एक टीम बनाने की घोषणा की गई है. इससे पहले पेगासस मामले ने पूरी दुनिया में सरकारी स्तर से गोपनीयता (Privacy) का उल्लंघन किए जाने और आम नागरिकों की जानकारी को उनके खिलाफ प्रयोग करने के मुद्दों पर कई चिंताएं पैदा कर दीं थीं. 

पेगासेस जासूसी सॉफ्टवेयर इज़राइली की स्पाइवेयर कंपनी NSO ने  बनाया है. अब इज़रायल के अटॉर्नी जनरल ने कहा है कि पुलिस की तरफ से इज़रायली नागरिकों के खिलाफ पेगासस की जासूसी तकनीक के कथित दुरुपयोग की जांच के लिए एक टीम बनाई जाएगी.  

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इज़राइली दैनिक ‘कैलकेलिस्ट' ने इस सप्ताह की शुरुआत में एक विस्तृत खबर में दावा किया था कि अपने स्थानीय नागरिकों की प्रारंभिक चरण की जांच के लिए और डोजियर बनाने के लिए इज़रायली पुलिस सैन्य-स्तर के जासूसी उपकरणों का उपयोग कर रही है, भले ही ऐसे लोग आपराधिक आरोपों का सामना न कर रहे हों. 

हारेत्ज अखबार की खबर के मुताबिक, इज़राइल के अटॉर्नी जनरल एविके मेंडेलब्लिट ने बृहस्पतिवार को पुलिस आयुक्त कोबी शबताई को सूचित किया कि वह जांच करने के लिए एक समिति का गठन करेंगे. इस समिति का गठन एक स्थानीय मीडिया की खबर से उपजे उस विवाद के बाद किया जा रहा है कि पुलिस NSO के पेगासेस स्पाइवेयर का उपयोग कर रही है.  जो पीड़ित के फोन के पूरे डेटा तक पुलिस को पहुंच देता है.  खबर के मुताबिक, यहां तक ​​कि इजरायल के ऐसे नागरिकों पर भी डोजियर (आरोप-पत्र) बनाने के लिए इनका इस्तेमाल हो रहा था, जो आपराधिक आरोपों का सामना नहीं कर रहे थे. 

अख़बार ने कहा कि जासूसी सॉफ्टवेयर पर खोज़ी रिपोर्ट के प्रकाशन के बाद पुलिस ने स्पाईवेयर के इस्तेमाल की बात स्वीकार की है, लेकिन कहा कि हर मामले में इस्तेमाल से पहले अदालत से इसके लिये वारंट लिया गया था.

खबर के मुताबिक, जांच समिति की अध्यक्षता डिप्टी अटॉर्नी जनरल अमित हारारी द्वारा की जाएगी और इसमें दो और सदस्य होंगे.

मेंडेलब्लिट ने हालांकि, शबताई को लिखे अपने पत्र में कहा कि इस मामले की प्रारंभिक जांच में “इजराइल पुलिस द्वारा अवैध, व्यवस्थित उपयोग के डर का कोई आधार नहीं मिला, और हम संतुष्ट हैं कि इज़राइल पुलिस कानून के तहत अपनी शक्तियों के आधार पर कार्य कर रही है.''

अटॉर्नी जनरल ने पुलिस से वो सभी वारंट उनके कार्यालय को उपलब्ध कराने को कहा है, जिनके आधार पर बीते दो सालों के दौरान लोगों के संवाद को सुना गया. 

इस बीच, सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री ओमर बार-लेव ने कहा कि अटॉर्नी जनरल ने स्पष्ट रूप से कहा है कि पुलिस ने व्यवस्थित दृष्टिकोण से कानून के अनुसार काम किया. 

बार-लेव ने कहा, “निजी घटनाओं के संदर्भ में, कानूनी दिशानिर्देशों का कोई उल्लंघन नहीं पाया गया. हालांकि, कुछ ख़ास अवैध घटनाएं हो सकती हैं और इसलिए अटॉर्नी जनरल ने एक जांच समिति बनाने का फैसला किया.”
 

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