इज़रायल ने ग़ाज़ा को 'पूरी तरह' घेर रखा है, और पानी, ईंधन और बिजली की आपूर्ति काट दी है...
तेल अवीव (इज़रायल):
इज़रायल (Israel) की सेना द्वारा 11 लाख से ज़्यादा ग़ाज़ा (Gaza Strip) निवासियों समेत संयुक्त राष्ट्र (UN) के अधिकारियों-कार्यकर्ताओं को 24 घंटे के भीतर दक्षिणी हिस्सों में चले जाने के लिए कहने के बाद UN ने 'विनाशकारी और भयावह नतीजों' की चेतावनी दी है. उधर, सरहद पर लगातार बढ़ती इज़रायली फौज (IDF) से संकेत मिलता है कि फ़िलस्तीनी (Palestine) ग्रुप का 'सफाया' करने की ज़िद पर अड़ी इज़रायल सरकार किसी भी वक्त ज़मीनी हमला कर सकती है.
इज़रायल-हमास युद्ध से जुड़ी 10 ताज़ातरीन जानकारी...
- इज़रायली फ़ौज का कहना है कि उन्होंने ग़ाज़ावासियों को दक्षिण की तरफ़ जाने के लिए इस वजह से कहा है, क्योंकि हमास के लड़ाके ग़ाज़ा शहर की ज़मीन के नीचे सुरंगों में छिपे हैं. इज़रायली रक्षा सेना (IDF) ने कहा, "ग़ाज़ा निवासियों, अपनी और अपने परिवारों की सुरक्षा के लिए दक्षिण की ओर चले जाइए... हमास आतंकवादियों से दूरी बनाए रखिए, जो आपको इंसानी ढाल के तौर पर इस्तेमाल करते हैं... IDF आने वाले दिनों में ग़ाज़ा शहर में बड़े पैमाने पर कार्रवाई करेगा, और IDF चाहता है कि नागरिकों को नुकसान नहीं हो..." ग़ाज़ा पट्टी की सरहद दक्षिण में मिस्र (Egypt) से लगती है, और उत्तर तथा पूर्व दिशा में ग़ाज़ा पट्टी इज़रायल से सटी हुई है.
- UN ने इज़रायली सेना से ग़ाज़ा निवासियों के बड़े पैमाने पर स्थानांतरण के आदेश को वापस लेने का आह्वान किया है, ताकि इस मुश्किल घड़ी को 'विनाशकारी स्थिति' में तब्दील होने से बचा जा सके. UN के बयान में कहा गया, "विनाशकारी और भयावह नतीजों के बिना इस तरह के स्थानांतरण को संयुक्त राष्ट्र नामुमकिन मानता है..." UN ने अपना कामकाज भी दक्षिणी ग़ाज़ा में स्थानांतरित कर दिया है, क्योंकि उसका कहना है कि इज़रायली सेना का आदेश UN कर्मचारियों और स्कूलों-क्लीनिकों जैसी UN फैसिलिटी में मौजूद लोगों पर भी लागू होगा.
- अमेरिका के शीर्ष राजनयिक एंटनी ब्लिंकन ने गुरुवार को तेल अवीव का दौरा किया और इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को एक बार फिर अमेरिकी समर्थन का आश्वासन दिया. उन्होंने बताया कि उन्हें 'गोलियों से छलनी बच्चे' और 'सैनिकों के कटे हुए सिरों' की भयावह तस्वीरें दिखाई गई हैं. ने युद्ध के दौरान इज़रायल में अब तक कम से कम 22 अमेरिकी नागरिकों की मौत की पुष्टि अमेरिका कर चुका है.
- इज़रायल में पिछले शनिवार को जंग शुरू होने के बाद से अब तक कम से कम 1,200 और ग़ाज़ा पट्टी में 1,400 लोग मारे जा चुके हैं. इज़रायल सरकार के दावे के मुताबिक, इनके अलावा भी इज़रायली इलाके में कम से कम 1,500 हमास लडाकों की लाशें पाई गई हैं. लगभग 150 लोगों को, जिन्हें इज़रायली इलाकों से अगवा कर लाया गया था, हमास ने बंधक बना रखा है.
- इज़रायल ने ग़ाज़ा को 'पूरी तरह' घेर रखा है, और पानी, ईंधन और बिजली की आपूर्ति काट दी है. फ़िलस्तीनी इलाके का इकलौता बिजली संयंत्र भी ईंधन ख़त्म हो जाने की वजह से बुधवार को बंद हो गया था. इज़रायल ने दावा किया है कि जब तक हमास सभी बंधकों को रिहा नहीं कर देता, वह ग़ाज़ा में किसी भी तरह की मदद नहीं पहुंचने देगा.
- युद्ध के हालात के चलते बहुत-से मुल्कों ने अपने नागरिकों को इज़रायल से निकालना शुरू कर दिया है. भारत भी शुक्रवार सुबह 'ऑपरेशन अजय' के अंतर्गत एक विशेष उड़ान से अपने 212 नागरिकों को भारत लौटा लाया है. चूंकि एयर इंडिया ने इज़रायल से अपनी उड़ानें निलंबित कर दी हैं, इसलिए वहां से लौटने में असमर्थ हो गए लोगों की घर वापसी के लिए विशेष उड़ानों की व्यवस्था की गई है. इन सभी लोगों की वापसी का खर्च सरकार उठा रही है.
- पिछले शनिवार को हमास ने भीषण रॉकेट हमला किया था और उसके सैकड़ों लड़ाकों ने इज़रायल के सीमावर्ती कस्बों में तोड़फोड़, नागरिकों की हत्या और अगवा किया, जिन्हें ग़ाज़ा ले जाया गया. इसके बाद, ग़ाज़ा पट्टी में हमास के ठिकानों पर इज़रायल ने हवाई हमले शुरू कर दिए थे, जिसके चलते आसपास के इलाके मलबे में तब्दील हो गए.
- लेबनान के हिज़बुल्लाह और सीरिया भी इज़रायली सेना के लिए नई चुनौती बन चुके हैं. गुरुवार को इज़रायल ने पड़ोसी मुल्क सीरिया के दो मुख्य हवाई अड्डों (दमिश्क और अलेप्पो) को भी निशाना बनाया, जिसके चलते उड़ानें बंद हो गईं, और हवाई अड्डों पर कामकाज ठप हो गया. इसी दौरान, इज़रायल और लेबनान के हिज़बुल्लाह (ईरान-समर्थित) के बीच भी एक विवादित इलाके में गोलीबारी हुई है.
- शनिवार को किया गया हमास का हमला यहूदी छुट्टी सिमचट तोराह के मौके पर हुई, और इससे 50 साल, एक दिन पहले 1973 में अरब-इज़रायल युद्ध शुरू हुआ था. हमास के हमलों में सबसे भयानक हमला ग़ाज़ा पट्टी के निकट एक म्यूज़िक फेस्टिवल पर किया गया हमला रहा, जिसमें 270 लोगों को मार डाला गया. सुबह-सुबह किए गए हमलों से आतंक फैल जाने के चलते सैकड़ों युवा इज़रायली और विदेशी सैलानी जान बचाने के लिए भागने को विवश हो गए थे.
- ग़ाज़ा पट्टी में वर्ष 2007 में हमास के सत्तासीन होने के बाद से इज़रायल और फिलस्तीनी समूह ने कई जंग लड़ी हैं. ताज़ातरीन जंग हमास के उस बयान के अगले दिन शुरू हुई, जिसमें कहा गया था, "(इज़रायली) कब्ज़े खत्म करने के लिए लोगों को हदें तय करनी होंगी..." और यह भी कहा गया था कि इज़रायल समूचे फिलस्तीन में, खासतौर से येरूशलम की पवित्र अल-अक़्सा मस्जिद पर, लगातार गुनाह कर रहा है.