इजरायल पर फिलिस्तीनी संगठन हमास (Hamas Group) का शनिवार से ताबड़तोड़ हमला जारी है. इजरायल भी हमास के हमलों को जवाब दे रहा है. हमास ने इजरायल (Israel Palestine Conflict) पर हमले के लिए इस बार ऐसी रणनीति का इस्तेमाल किया, जिसके बारे में सैन्य विशेषज्ञों का कहना है कि पहले शायद ही कभी इसका इस्तेमाल किया गया हो. गाजा पट्टी (Gaza Strip) से इजरायल में भारी हथियारों से लैस लड़ाकों को घुसाने के लिए हमास ने ऑपरेटेड ग्लाइडर का इस्तेमाल किया. इसके साथ ही हमास ने इजरायल के सिक्योरिटी सिस्टम को नेस्तनाबूद करने के लिए हथियारबंद कॉमर्शियल ड्रोन भी तैनात किए.
इजरायल-हमास की जंग के पांचवें दिन अब तक 3600 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें से करीब 1200 इजरायली हैं. वहीं, अब तक करीब 950 फिलिस्तीनियों ने भी जान गंवाई है. गाजा पर इजरायल के हमले में संयुक्त राष्ट्र (UN) के 9 स्टाफ भी मारे गए हैं. यूएन ने बुधवार को इसकी पुष्टि की.
यूक्रेनी सेनाएं भी रूसी सैनिकों के बख्तरबंद तत्वों पर हमला करने के लिए तात्कालिक हथगोले और मोर्टार राउंड से लैस छोटे ड्रोन का इस्तेमाल कर रही हैं. ऐसे ड्रोन की लागत काफी कम होती है, ये दुश्मन की गाड़ी को इनएक्टिव कर सकता है. यहां तक कि सैनिकों को बेअसर कर सकता है.
शनिवार को जब हमास ने इजरायल पर आतंकी हमले किए, तो उसने छोटे बमों से लैस कॉमर्शियल ड्रोनों का भी इस्तेमाल किया. हमास के लड़ाकों ने बुलडोजरों से सीमा को तहस-नहस कर दिया. इजरायल के वॉच टावर्स पर हमले के लिए भी ड्रोन का इस्तेमाल हुआ. इजरायली वॉच टावर किनारों से कवर किए गए हैं, लेकिन उनमें छत नहीं है. ड्रोन से गिराए गए बम सीधे गनर की सीट पर गिरे, जिससे इजरायल की बॉर्डर डिफेंस की फर्स्ट लाइन तबाह हो गई.
Video of how Hamas started the operation by attacking and destroying strategic positions using Iranian drone technology and then blew up holes in the fence allowing Hamas' members to infiltrate inside Israel. pic.twitter.com/OZWZ9q2QHC
— Asaad Sam Hanna (@AsaadHannaa) October 8, 2023
सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे एक वीडियो में दिखाया गया है कि हमास ने इजरायली मर्कवा मार्क IV टैंक को ड्रोन से तबाह कर दिया. टैंकों में आमतौर पर पतला सा कवर होता है, जो इसका सबसे कमजोर हिस्सा भी है. यही कारण है कि जेवलिन जैसी कुछ सबसे प्रभावी ह्यूमन-पोर्टेबल एंटी-टैंक मिसाइल सिस्टम में ऊपर से नीचे की ओर हमला होता है.
दुनियाभर के सैन्य रणनीतिकार अब ड्रोन से पैदा हो रहे खतरे को लेकर सचेत हो रहे हैं. कई देशों ने ड्रोन के कंट्रोल को अक्षम करने या ओवरराइड करने के लिए जैमर जैसी एंटी ड्रोन टेकनीक में निवेश किया है.
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