योनी एशेर के लिए वक्त 7 अक्टूबर के बाद से थम-सा गया, जब हमास के लड़ाकों ने इजरायल पर हमला किया और उनकी पत्नी व दो बेटियों को बंधक बनाकर ले गए. हालातों से टूटने की निराशा और थकान काली टी-शर्ट पहने इस 37 वर्षीय शख्स के चेहरे पर साफ देखी जा सकती है. एशेर ने मीडिया को बताया, "मैं काम नहीं करता, सोता नहीं हूं और सिर्फ इतना खाना खा रहा हूं कि किसी तरह जीवित रह सकूं."
इजरायल का कहना है कि हमास के आतंकवादियों ने कम से कम 242 लोगों को बंधक बना लिया था, जिन्होंने एक महीने पहले गाजा पट्टी से हमला किया था. ये इजरायल पर हुये अब तक के सबसे घातक हमले में से एक था, जिसमें 1,400 लोगों, मुख्य रूप से नागरिकों को मार डाला गया था. जवाबी कार्रवाई में इजरायल ने हमास के ठिकानों पर हवाई, जमीनी और नौसेना से हमले किये. हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इजरायल के हमलों में अभी तक लगभग 9,500 लोग मारे गए हैं, जिनमें ज्यादातर नागरिक भी शामिल हैं.
उस दुर्भाग्यपूर्ण दिन एशेर ने तेल अवीव में घर पर अकेले रहने का फैसला किया था, जबकि उनकी पत्नी डोरोन और बेटियां रज़ और अवीव, नीर ओज़ किबुत्ज़ में अपनी मां इफरत से मिलने जाने का फैसला किया था. 7 अक्टूबर को हुए हमले में लगभग 400 निवासियों का घर, गाजा की सीमा के पास का समुदाय हमास के हमले में बुरी तरह प्रभावित हुआ था.
किबुत्ज़ के एक प्रवक्ता ने कहा कि 20 से अधिक लोग मारे गए और कम से कम 75 लोगों को नीर ओज़ से बंधक बना लिया गया. हमले की खबर आने के बाद, एशेर ने वीडियो फुटेज देखा, जिसमें उसके परिवार को आतंकवादियों द्वारा एक पिकअप ट्रक के पीछे ले जाया जा रहा था. वीडियो में इफरत को जीवित देखा गया था, लेकिन कुछ ही देर बाद इजरायली सेना ने उसकी मौत की घोषणा कर दी.
फिर भी, एशेर अपनी पत्नी और बच्चों, जो दोहरे जर्मन-इज़राइली नागरिक हैं, उनके जीवित होने की आस लगाए बैठे हैं.
हम शांति चाहते हैं...
एशेर एक रियल एस्टेट कारोबारी हैं, लेकिन 7 अक्टूबर के बार से उन्होंने अपना सारा काम छोड़ दिया है और सिर्फ अपने परिवार को वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास करने में जुटे हुए हैं. तेल अवीव में बंधकों और लापता परिवार फोरम द्वारा आयोजित एक बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि प्रेस को वह "लगभग 300 इंटरव्यू" दे चुके हैं. उन्होंने कहा, "मेरे लिए आज की तारीख अभी तक 7 अक्टूबर है. मैं उससे आगे नहीं बढ़ पाया हूं..."
मेरे लिये समय रुक गया है...
बंधकों को छुड़ाना इजरायल का एक प्रमुख युद्ध लक्ष्य और देश की नाराज और स्तब्ध जनता के लिए सर्वोच्च चिंता का विषय बन गया है, जबकि सेना ने गाजा पर लगातार बमबारी जारी रखी है. हमास ने बार-बार कहा है कि क्षेत्र पर इजरायली हमलों में बंधकों की मौत हो गई है, लेकिन इन दावों की पुष्टि करना असंभव है. एशेर ने कहा, "माता-पिता के रूप में हम पहले से ही डरे रहते हैं... जब कोई बच्चा अपने बिस्तर पर कूदता है, तब माता-पिता की जान अटकी रहती है. अब हर जगह बमबारी के बीच अपने बच्चों के घिरे होने के हमारे डर की कल्पना करें." उन्होंने कहा, "हम शांति चाहते हैं, हम नहीं चाहते कि किसी भी नागरिक को नुकसान हो."
हमले के बाद शवों को इकट्ठा करने में मदद करने वाले एनजीओ ज़का के अनुसार, 7 अक्टूबर को 100 से अधिक बीरी निवासियों की मौत हो गई. अन्य रिश्तेदारों की तरह, बेन अमीन ने कहा कि वह बंधकों को "वापस लाने पर ध्यान केंद्रित" कर रही हैं और इस मुद्दे पर जागरूकता बढ़ाने के लिए मीडिया में इंटरव्यू देती रहती हैं. उन्होंने कहा, उनकी मां रज़ को सेरेब्रल और स्पाइनल ट्यूमर के इलाज की ज़रूरत है और उन्हें चलने-फिरने में समस्या है.
इजरायल में इस समय कई ऐसे परिवार हैं, जो अपने के आने का इंतजार कर रहे हैं. हमास के कब्जे में अभी तक 100 से ज्यादा बंधकों के होने की खबर है. अमेरिकी अधिकारियों ने गुरुवार को बताया था कि संयुक्त राज्य अमेरिका 7 अक्टूबर को फिलिस्तीनी समूह द्वारा इजरायल पर हमला करने के बाद हमास द्वारा बनाए गए बंधकों की तलाश में गाजा पर निगरानी ड्रोन उड़ा रहा है.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं