विज्ञापन

हरियाणा का दंगलः 'बिन खर्ची-पर्ची' की नौकरी... देखिए जब महेंद्रगढ़ में चाय की टपरी पर उलझ गए BJP-कांग्रेस वाले

NDTV Ground report : महेंद्रगढ़ में लोगों ने कहा कि तीसरी बार बीजेपी की सरकार बनेगी की नहीं, इसको लेकर कुछ कहा नहीं जा सकता. अभी पता नहीं लग रहा है कि वोटर्स का रुख किस तरफ है.

नई दिल्ली:

हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों की ओर से जीत-हार के दावे किए जा रहे हैं. वहीं जनता के बीच भी इन दिनों राजनीतिक मुद्दा ही चर्चा का केंद्र है. ऐसे में एनडीटीवी भी लोगों के बीच जाकर चुनावी माहौल क्या है ये जानने की कोशिश कर रहा है. दक्षिणी हरियाणा का मशहूर और ऐतिहासिक शहर महेंद्रगढ़ में हमने जनता का मूड जाना. पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राम विलास शर्मा का टिकट कटने से यहां का सियासी मुकाबला दिलचस्प हो गया है.

महेंद्रगढ़ में चार विधानसभा क्षेत्र आता है. 2019 के चुनाव में चार में से सिर्फ एक विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. बाकी तीनों विधानसभाओं में बीजेपी जीती थी.

बीजेपी ने इस बार महेंद्रगढ़ से रामविलास शर्मा का टिकट काटकर कुंवर सिंह को उतारा है, जबकि कांग्रेस से भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी दान सिंह को उम्मीदवार बनाया है.

महेंद्रगढ़ विधानसभा हरियाणा की सबसे चर्चित सीटों में से एक है. बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राम विलास शर्मा यहां से चार बार के विधायक रहे हैं. टिकट कटने के बाद दबाव बनाने के लिए राम विलास शर्मा ने एक दिन पहले नामांकन भी कर दिया था, लेकिन उसके बावजूद कंवर सिंह यादव को बीजेपी ने उम्मीदवार बनाया है. बीच में राम विलास की नाराजगी की खबरें भी आईं, तो मनाने मुख्यमंत्री नायाब सिंह सैनी खुद पहुंचे. 

बीजेपी उम्मीदवार कंवर सिंह ने कहा कि जब टिकट की घोषणा हुई तो मैं सो रहा था. मुझे सपने में भी आभास नहीं था कि राम विलास शर्मा का टिकट कटेगा और मुझे मिलेगा.

Latest and Breaking News on NDTV

उधर महेंद्रगढ़ में कांग्रेस के टिकट पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी दान सिंह मैदान में हैं. चुनाव से महीने भर पहले दान सिंह पर ED की रेड पड़ी, लेकिन उसके बावजूद दान सिंह को टिकट मिला. जानकार कहते हैं कि दान सिंह की वजह से किरण चौधरी ने बीजेपी का दामन थामा.

वहीं दान सिंह अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बता रहे हैं. उन्होंने कहा कि हुड्डा के साथ संबंध है. वो हमारे नेता हैं, कांग्रेस का झंडा हमारी पहचान है. किरण चौधरी ने निजी स्वार्थ की वजह से कांग्रेस छोड़ा है.

महेंद्रगढ़ में पानी की कमी, आधारभूत ढ़ांचों का अभाव और राम विलास शर्मा का टिकट कटना एक मुद्दा है. जनता का मानना है कि टिकट कटने से बीजेपी को नुकसान होगा. रामविलास शर्मा के नाम पर 20 से 25 हजार वोट एकजुट थे, वो अब बीजेपी की मुट्ठी से खुल गए हैं, लगता नहीं कि नए उम्मीदवार उन्हें बांध पाएंगे.

लोगों ने कहा कि तीसरी बार बीजेपी की सरकार बनेगी की नहीं, इसको लेकर कुछ कहा नहीं जा सकता. अभी पता नहीं लग रहा है कि वोटर्स का रुख किधर है. असमंजस की स्थिति है. हालांकि लोगों का कहना है कि महेंद्रगढ़ में किसी ने विकास नहीं किया. सड़कें टूटी हैं, पानी की भी कमी है. यहां कांग्रेस हो या बीजेपी बारी-बारी से आते हैं, लेकिन विकास नहीं आता.

'बिना खर्ची, बिना पर्ची' के सवाल पर लोगों की राय बंटी नजर आयी. एनडीटीवी से कुछ लोगों ने कहा कि इस बार बिना खर्च के सिलेक्शन हुए हैं. वहीं कुछ लोग इस दावे से इनकार कर रहे हैं वहीं भ्रष्टाचार के आरोप भी लगा रहे हैं.

अहिरवाल बेल्ट में बीजेपी 2014 के बाद खासी मजबूत रही है. यहां नौजवानों में सेना को लेकर खासी दिलचस्पी रही है. यही वजह है कि बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में अग्निवीरों को सरकारी नौकरी की गारंटी देने का वादा किया गया है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com