40,000 लड़ाके, सुरंगों का विशाल जाल... हमास का लक्ष्य गाजा में इजरायल को फंसाना और...!

Israel Hamas War: हमास ने हाल के दशकों में इजराइल के साथ कई युद्ध लड़े हैं और बेरूत स्थित हमास नेता अली बराका ने कहा कि उसने धीरे-धीरे अपनी सैन्य क्षमताओं, विशेषकर अपनी मिसाइलों में सुधार किया है.

40,000 लड़ाके, सुरंगों का विशाल जाल... हमास का लक्ष्य गाजा में इजरायल को फंसाना और...!

हमास ने हाल के दशकों में इजराइल के साथ कई युद्ध लड़े हैं...

नई दिल्‍ली :

इजरायली सेना (Israel Army) गाजा पट्टी (Gaza Strip) में हमास (Hamas) के ठिकानों पर एयर स्‍ट्राइ के साथ जमीनी हमले भी कर रही है. इधर, हमास भी पूरी तरह से तैयार होने का दावा कर रहा है. फिलिस्‍तीन समर्थित संगठन के नेतृत्व से जुड़े दो करीबी सूत्रों ने बताया कि हमास ने गाजा पट्टी में लंबे समय तक चलने वाले युद्ध की तैयारी की है. हमास का मानना ​​है कि वह अपने कट्टर दुश्मन इजरायल को युद्धविराम के लिए मजबूर करने के लिए लंबे समय तक रोक सकता है. 

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने बताया, गाजा पर शासन करने वाले हमास ने हथियारों, मिसाइलों, भोजन और चिकित्सा आपूर्ति का भंडार जमा कर लिया है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक‍,  हमास को भरोसा है कि उसके हजारों लड़ाके फिलीस्तीनी इलाके के नीचे खुदी हुई सुरंगों के शहर में महीनों तक जीवित रह सकते हैं और 'शहरी गुरिल्ला वॉर' रणनीति से इजरायली बलों के सामने बड़ी मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं. हमास का मानना ​​​​है कि वह इजरायल पर (घेराबंदी समाप्त करने के लिए) अंतरराष्ट्रीय दबाव, (क्योंकि नागरिक हताहतों की संख्या बढ़ रही है) युद्धविराम और बातचीत के जरिए समझौता करने के लिए मजबूर कर सकता है. और जब बातचीत की टेबल पर हमास और इजरायल बैठेंगे, तब बंधकों के बदले में हजारों फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई की मांग रखी जा सकती है. 

हमास के चार नेताओं (एक क्षेत्रीय अधिकारी और व्हाइट से परिचित एक व्यक्ति के अनुसार) के मुताबिक, समूह ने अप्रत्यक्ष, कतर की मध्यस्थता वाली बंधक वार्ता में अमेरिका और इजरायल को यह स्पष्ट कर दिया है कि वह बंधकों के बदले में कैदियों को रिहा करने के लिए मजबूर करना चाहता है. हमास ने कहा है कि वह गाजा पर इजरायल की 17 साल की नाकाबंदी को समाप्त करना चाहता है, साथ ही इजरायली बस्ती के विस्तार को भी रोकना चाहता है. गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों ने गाजा में मानवीय युद्धविराम का आह्वान करते हुए कहा कि वहां फिलिस्तीनियों पर "नरसंहार का गंभीर खतरा" है. कई विशेषज्ञ बढ़ते संकट को देख रहे हैं, जो किसी भी पक्ष के लिए कोई स्पष्ट अंत नहीं दिख रहा है.

जॉर्डन के पूर्व विदेश मंत्री और उपप्रधान मंत्री, जो अब वाशिंगटन में कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के लिए काम करते हैं, ने कहा, "हमास को नष्ट करने का मिशन आसानी से हासिल नहीं किया जा सकता है. इस संघर्ष का कोई सैन्य समाधान नहीं है. हमें अभी स्‍पष्‍ट दिखाई नहीं दे रहा है, लेकिन यह युद्ध छोटा नहीं होने वाला है."

Latest and Breaking News on NDTV

7 अक्टूबर के हमले के बाद से इजरायल ने भारी एयर स्‍ट्राइक की है, जिसमें हमास के बंदूकधारियों ने गाजा पट्टी से हमला किया था. हमास के इस हमले में 1,400 इजरायली मारे गए थे और 239 को बंधक बना लिया गया था. इधर, गज़ान में मरने वालों की संख्या 9,000 से अधिक हो गई है. हर दिन हिंसा के कारण दुनिया भर में छोटे से क्षेत्र में फंसे 20 लाख से अधिक गज़ावासियों की दुर्दशा के लिए विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. मंगलवार को गाजा में एक भीड़ भरे शरणार्थी शिविर पर इजरायली हवाई हमले में कम से कम 50 फिलिस्तीनी और एक हमास कमांडर की मौत हो गई.

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास को खत्म करने की कसम खाई है और युद्धविराम के आह्वान को खारिज कर दिया है. इजरायली अधिकारियों का कहना है कि वे इस बारे में किसी भ्रम में नहीं हैं कि आगे क्या हो सकता है. वे हमास लड़ाकों पर आम नागरिकों के पीछे छिपने का आरोप लगा रहे हैं.

Latest and Breaking News on NDTV

संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के पूर्व राजदूत और नेसेट विदेशी मामलों और रक्षा समिति के पूर्व सदस्य डैनी डैनन ने कहा, देश ने खुद को "लंबे और दर्दनाक युद्ध" के लिए तैयार कर लिया है. उन्होंने रॉयटर्स से कहा, "हम जानते हैं कि अंत में हम जीतेंगे और हमास को हरा देंगे. सवाल कीमत का होगा, और हमें बहुत सतर्क और सावधान रहना होगा और समझना होगा कि यह एक बहुत ही जटिल शहरी क्षेत्र है."

अमेरिका ने कहा है कि अब सामान्य युद्धविराम का समय नहीं है. हालांकि, मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए शत्रुता में विराम की आवश्यकता है.

हमास 'पूरी तरह तैयार'
कतर विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय मामलों के फिलिस्तीनी विशेषज्ञ अदीब ज़ियादेह, जिन्होंने हमास का अध्ययन किया है, उन्‍होंने कहा कि समूह के पास इजरायल पर अपने हमले के बाद एक दीर्घकालिक योजना रही होगी. ज़ियादेह ने रॉयटर्स को बताया, "जिन्होंने 7 अक्टूबर के हमले को इस स्तर की दक्षता, इस स्तर की विशेषज्ञता, सटीकता और तीव्रता के साथ अंजाम दिया, उन्होंने दीर्घकालिक लड़ाई के लिए तैयारी की होगी. हमास के लिए पूरी तरह से तैयार हुए बिना इस तरह के हमले में शामिल होना संभव नहीं है और परिणाम के लिए वह तैयार होंगे." 

व्हाइट हाउस की सोच से परिचित सूत्र ने कहा, "वाशिंगटन को उम्मीद है कि हमास, गाजा में जमीनी लड़ाई में इजरायली सेना को कुचलने की कोशिश करेगा और भारी सैन्य नुकसान पहुंचाएगा. साथ ही एक लंबे संघर्ष के लिए इजरायली जनता को उकसाएगा." 

Latest and Breaking News on NDTV

सूत्र के अनुसार, इजरायली अधिकारियों ने फिर भी अपने अमेरिकी समकक्षों पर जोर दिया है कि वे हमास की गुरिल्ला रणनीति का सामना करने के साथ-साथ उनके आक्रामण की अंतरराष्ट्रीय आलोचना का सामना करने के लिए तैयार हैं. सूत्र ने कहा कि क्या देश के पास हमास को खत्म करने या संगठन को गंभीर रूप से कमजोर करने की क्षमता है, यह एक बड़ा प्रश्न है.

समूह के सूत्रों के अनुसार, हमास के पास लगभग 40,000 लड़ाके हैं. वे कई वर्षों में निर्मित सैकड़ों किलोमीटर लंबी और 80 मीटर तक गहरी सुरंगों के विशाल जाल का उपयोग करके इजरायली सेना को घेर सकते हैं. गाजा के कुछ निवासियों और वीडियो के अनुसार, गुरुवार को गाजा पट्टी में हमास के लड़ाकों को इजरायली टैंकों पर गोलीबारी करने के लिए सुरंगों से निकलते और फिर वापस नेटवर्क में गायब होते देखा गया.

इजरायली सेना का कहना है कि उसकी याहलोम विशेष लड़ाकू इंजीनियरिंग इकाई के सैनिक अन्य बलों के साथ सुरंग शाफ्ट का पता लगाने और उन्हें नष्ट करने के लिए काम कर रहे हैं, जिसे एक प्रवक्ता ने गाजा में "जटिल शहरी लड़ाई" कहा था.

हमास ने हाल के दशकों में इजराइल के साथ कई युद्ध लड़े हैं और बेरूत स्थित हमास नेता अली बराका ने कहा कि उसने धीरे-धीरे अपनी सैन्य क्षमताओं, विशेषकर अपनी मिसाइलों में सुधार किया है. उन्होंने कहा कि 2008 के गाजा युद्ध में हमास के रॉकेटों की अधिकतम सीमा 40 किमी (25 मील) थी, लेकिन 2021 के संघर्ष तक यह बढ़कर 230 किमी हो गई थी. बराका ने रॉयटर्स को बताया, "हर युद्ध में हम कुछ नया करके इजरायलियों को आश्चर्यचकित करते हैं."

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

ये भी पढ़ें :-