
- डोनाल्ड ट्रंप ब्रिटेन के PM कीर स्टार्मर की फिलिस्तीन को स्वतंत्र देश मान्यता देने की योजना से असहमत हैं
- ट्रंप ने हमास के इजरायल पर हमले को सबसे हिंसक बताया और बंधकों की तत्काल रिहाई पर जोर दिया है
- ब्रिटेन के प्रधानमंत्री स्टार्मर ने गाजा की स्थिति को असहनीय बताया और मानवीय सहायता बढ़ाने की आवश्यकता जताई है
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप फिलिस्तीन को एक आजाद देश के रूप में मान्यता देने की लंदन की योजना पर ब्रिटेन के प्रधान मंत्री कीर स्टार्मर से असहमत हैं. डोनाल्ड ट्रंप ने लंदन में कीर स्टार्मर के सामने होकर कही है. उन्होंने अपने दो दिवसीय ब्रिटेन यात्रा के आखिर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, "इस मुद्दे पर मेरी प्रधान मंत्री से असहमति है. यह हमारी कुछ असहमतियों में से एक है."
फिलिस्तीन मुद्दा पर अमेरिका और ब्रिटेन का रुख अलग-अलग
डोनाल्ड ट्रंप ने यहां इजरायल पर हमास के हमले के अत्याचार के मुद्दे और बंधकों की रिहाई की अपनी प्राथमिकताओं पर जोर दिया. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, "हमें 7 अक्टूबर (जिस दिन हमास ने इजरायल पर हमला किया था) को याद रखना होगा. यह दुनिया के इतिहास में सबसे खराब, सबसे हिंसक दिनों में से एक है. मैं अंत चाहता हूं, मैं बंधकों को रिहा करना चाहता हूं. हमें बंधकों को तुरंत वापस लाना होगा. मैंने ऐसी कहानियां सुनी हैं जिनके बारे में मैंने कभी सोचा भी नहीं था. वहां कोई मानवता नहीं थी, कुछ भी नहीं था. हमास ने कहा है कि वे बंधकों को किसी भी हमले के लिए तैयार कर देंगे."
वहीं दूसरी तरफ इसके यूके के पीएम स्टार्मर ने कहा कि गाजा में स्थिति "असहनीय" बनी हुई है. उन्होंने गाजा के लोगों की सहायता के लिए प्रयासों में तेजी लाने की आवश्यकता पर जोर दिया.
स्टार्मर ने कहा, "गाजा में स्थिति असहनीय है… हमें गाजा में तेजी से पहुंचने के लिए सहायता की जरूरत है."
हालांकि, स्टार्मर ने साथ ही जोर देकर कहा कि ब्रिटेन हमास को एक आतंकवादी संगठन के रूप में मान्यता देता है और फिलिस्तीन के शासन में उसकी कोई भूमिका नहीं हो सकती है.
उन्होंने कहा, "वे एक आतंकवादी संगठन हैं जिनकी फ़िलिस्तीन में भविष्य के किसी भी शासन में कोई भूमिका नहीं हो सकती. 7 अक्टूबर को जो हुआ वह होलोकास्ट (नाजी जर्मनी में यहूदियों का) के बाद सबसे भयानक हमला है."
संयुक्त राष्ट्र में भी दोनों का स्टैंड अलग-अलग
उम्मीद की जा रही है कि कीर स्टार्मर जल्द इस बात की पुष्टि करेंगे कि ब्रिटिश सरकार अगले सप्ताह न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की वार्षिक बैठक में फिलिस्तीनी देश को मान्यता देने के लिए वोट करेगी. वहीं दूसरी तरफ इस मुद्दे पर डोनाल्ड ट्रंप पूरी तरह से इजरायल के साथ खड़े हैं. अमेरिका ने गुरुवार, 18 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के उस प्रस्ताव पर वीटो कर दिया, जिसमें गाजा में तत्काल और स्थायी युद्धविराम की मांग की गई थी. UN सुरक्षा परिषद के 10 निर्वाचित सदस्यों ने यह मसौदा पेश किया था. इसमें 5 स्थायी सदस्य हैं. यानी कुल 15, इनमें में अमेरिका को छोड़कर सभी 14 सदस्यों ने प्रस्ताव को समर्थन दिया. इस प्रस्ताव में "गाजा में तत्काल, बिना शर्त और स्थायी युद्धविराम जिसका सभी पक्ष सम्मान करें", हमास और अन्य समूहों द्वारा रखे गए सभी बंधकों की रिहाई और मानवीय सहायता पर प्रतिबंध हटाने का आह्वान किया गया था.
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