"हमास ने कहां रखा, क्या खिलाया और कैसा किया व्यवहार?": रिहा हुई इजरायली महिला की जुबानी

हमास के चंगुल से रिहा हुईं लिफ्शिट्ज़ (Israel Gaza War) ने बताया कि मकड़ी के जालों वाली जमीनी सुरंगों से होते हुए वह दो या तीन घंटे तक चलती रहीं. फिर उनको 25 बंधकों के साथ एक हॉल में छोड़ दिया गया.

नई दिल्ली:

हमास ने सोमवार को दो इजरायली (Israel Hamas War) महिला बंधकों को रिहा कर दिया. आतंकियों के चंगुल से रिहा हुई 85 साल की इजरायली बुजुर्ग महिला ने गाजा में कैद के दौरान हुए अच्छे औक बुरे अनुभवों को साझा किया. योचेवेद लिफ्शिट्ज़ ने हमास के हमले रोकने में नाकाम रही इजरायली सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि उनको गाजा में "नरक से गुजरना पड़ा." तेल अवीव अस्पताल में व्हीलचेयर पर बैठी लिफ्शिट्ज़ ने मीडिया के सामने गाजा के अनुभव शेयर किए. उन्होंने बताया कि किस तरह से किबुत्ज़ समुदाय पर हमला करने वाले फिलिस्तीनी आतंकवादियों ने उन्हें मोटरसाइकिल से फेंका और पीटा था.

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हमास आतंकियों ने कहां रखा और क्या खिलाया?

हमास आतंकी उनको गाजा पट्टी में ले गए, उनको जमीनी सुरंगों में "मकड़ी के जाल" से होकर गुजरना पड़ा. जिस जगह पर उनको रखा गया था वहां पर उनको डॉक्टरी देखभाल के साथ ही खाने के लिए रोटी, क्रीम पनीर और खीरा दिया गया था. सोमवार रात को लिफ्शिट्ज़ और 79 साल की नुरिट कूपर को रिहा कर दिया. दो अमेरिकी महिलाओं समेत हमास अब तक चार बंधकों को रिहा कर चुका है. अब भी करीब 220 लोग हमास की कैद में हैं. लिफ्शिट्ज़ को तो हमास ने रिहा कर दिया लेकिन उनके पति अभी भी गाजा में ही बंधक हैं. रिहाई के बाद उनकी गार्ड के साथ हाथ मिलाते हुए एक फोटो सामने आई थी.

'मुझे नरक से गुजरना पड़ा'

नीर ओज़ किबुत्ज़ की रहने वाली  लिफ्शिट्ज़ ने कहा कि इजरायली सरकार और सेना को हमलों से निपटना चाहिए था.उनके यहां पर अभ तक 100 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. कैद के दौरान के अपने भयावह अनुभवों को शेयर करते हुए बुजुर्ग महिला ने कहा कि मुझे नरक से गुजरना पड़ा. उन्होंने कहा," हमास आतंकियों ने हमारे किबुत्ज़ में उत्पात मचाया, मुढे किडनैप कर मोटरसाइकिल पर बिठाया और घसीटते हुए ले गए. लोगों ने रास्ते में मुझे पीटा. उन्होंने मेरी पसलियां तो नहीं तोड़ीं लेकिन मुझे वहां बहुत चोट पहुंचाई." बुजुर्ग महिला ने बताया कि हमास उनको सुरंगों के नेटवर्क में ले गया था. 

बंधकों के साथ हमास कर रहा कैसा व्यवहार?

 लिफ्शिट्ज़ ने बताया कि मकड़ी के जालों वाली जमीनी सुरंगों से होते हुए वह दो या तीन घंटे तक चलती रहीं. फिर उनको 25 बंधकों के साथ एक हॉल में छोड़ दिया गया. उसके बाद नीर ओज़ के ही चार अन्य बंधकों के साथ उनको एक अलग कमरे में ले जाया गया. महिला ने कहा कि वहां उनके साथ अच्छा व्यवहार किया गया. एक डॉक्टर हर दो से तीन दिन में बंधकों से मिलने आता और दवाएं मुहैया कराता था.

आतंकी से हाथ क्यों मिलाया? रिहा हुई बंधक ने दिया जवाब

जब एक पत्रकार ने उनसे पूछा कि रिहा होने के दौरान उन्होंने नकाबपोश हमास आतंकवादी से हाथ क्यों मिलाया, तो उन्होंने कहा, "उन्होंने हमारे साथ नरमी से व्यवहार किया और हमारी सभी ज़रूरतें पूरी कीं." लिफ्शिट्ज़ ने बताया कि टॉयलेट्स भी हर दिन साफ किए जाते थे, क्यों कि हमास के गार्डों को बीमारी फैलने की आशंका थी. उन्होंने  अपने किडनैपर्स को "बहुत मिलनसार" और "बहुत विनम्र" बताया.

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