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This Article is From Oct 10, 2023

क्या है इज़रायल का 2005 गाजा डिसइंगेजमेंट प्लान और 'पूर्ण घेराबंदी' आदेश?

गाजा पट्टी के हवाई क्षेत्र और समुद्री सीमाओं पर अभी भी इजरायल (Israel Gaza War) का कंट्रोल है. वह इस क्षेत्र को बिजली और पानी की आपूर्ति करता है. इजराइल के पूर्व पीएम एरियल शेरोन हमेशा से कब्जे वाले क्षेत्रों में डिसएंगेजमेंट योजना के समर्थन में नहीं थे.

इजरायल गाजा युद्ध

फिलिस्तीनी आतंकी गुट हमास ने जिस युद्ध का आगाज शनिवार को किया था उसको अंजाम तक पहुंचाने की कसमन इजरायल (Israel Gaza War) भी खा चुका है. दोनों के बीच युद्ध का आज चौथा दिन है. इजरायल गाजा पट्टी पर पूरी तरह से नियंत्रण करने की कोशिश कर रहा है. गाजा पट्टी के लोग खाना, पानी, फ्यूल के लिए भी तरह रहे हैं. इज़रायल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने पहले ही कह दिया है कि गाजा पट्टी पर कोई बिजली नहीं, कोई खाना नहीं, कोई पानी नहीं, कोई गैस नहीं, यह सब बंद कर दिया गया है. बता दें कि यह इलाका वाशिंगटन डीसी से भी दोगुना बड़ा है. यहां पर करीब  2.3 मिलियन लोग रहते हैं.

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2005 में, तत्कालीन इजरायली प्रधान मंत्री एरियल शेरोन ने गाजा से पूरी तरह से अलग होने का आदेश दिया था, जिसने उस सेटलमेंट पर विराम लगा दिया जो कि 1967 के युद्ध के बाद इस क्षेत्र पर इजराइल के कंट्रोल के साथ हुआ था. शनिवार, 6 अक्टूबर को हमास के चौतरफा हमलों के बाद  इजरायली सेना अब गाजा की पूर्ण घेराबंदी की ओर आगे बढ़ रही है.

2005 एक तरफा वापसी

पहला और दूसरा इंतिफादा या फिलिस्तीनी विद्रोह का सामना हिंसक विरोध प्रदर्शन, दंगे, आत्मघाती बम विस्फोट और आतंकवादी हमलों से हुआ. बहुसंख्यक फिलिस्तीनी आबादी की तुलना में बहुत कम यहूदी आबादी गाजा पट्टी में बस गई. दूसरा इंतिफ़ादा साल 2000 में, बहुत ही हिंसक विरोध प्रदर्शनों, आत्मघाती बम विस्फोटों, दंगों और हमलों से के साथ हुआ. उस समय तत्कालीन इजरायली प्रधानमंत्री एरियल शेरोन ने तर्क दिया था कि करीब 9000 की आबादी को बचाना बहुत ही महंगा है. गाजा में इजरायली सेना और हमास के साथ ही  यासर अराफात के पीएलओ के बीच झड़पों की वजह से फिलिस्तीनियों के साथ शांति प्रक्रिया अंधेरे की गर्त में चली गई. इस क्षेत्र में यहूदियों की रक्षा करना इजरायल के लिए एक काफी महंगा हो गया था.

एकतरफा डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया अगस्त 2005 में शुरू हुई और सितंबर तक, 25 बस्तियों में रहने वाले लगभग 9,000 यहूदियों को बेदखल कर दिया गया. इसके बाद इजरायली सैनिक पूरी तरह से गाजा पट्टी से हटकर ग्रीन लाइन पर वापस चले गए. 1949 की युद्धविराम रेखा ने इजरायल और उसके अरब पड़ोसियों के बीच सीमाएं खींच दी. ये बस्तियां 2005 तक दशकों तक बनी रहीं और इन्हें हटाने के लिए इज़रायली सैनिकों ने बुलडोज़र चलाया और बलपूर्वक बेदखल कर दिया. हालांकि पुनर्वास के लिए इज़रायली सरकार ने मुआवजा दिया था, लेकिन यह प्रक्रिया बहुत ही लंबी और थका देने वाली थी. 

पूर्व पीएम नहीं थे डिसइंगेजमेंट प्लान के समर्थन

गाजा पट्टी के हवाई क्षेत्र और समुद्री सीमाओं पर अभी भी इजरायल का कंट्रोल है. वह इस क्षेत्र को बिजली और पानी की आपूर्ति करता है. इजराइल के पूर्व पीएम एरियल शेरोन हमेशा से कब्जे वाले क्षेत्रों में डिसएंगेजमेंट योजना के समर्थन में नहीं थे. पूर्व पीएम ने अपने चुनाव अभियान में कब्जे वाले क्षेत्रों में इजरायली बस्तियों को वापस लेने का मुखर रूप से विरोध किया था, लेकिन कुछ साल बाद उनके रुख में गिरावट आई, जिससे आलोचना के साथ-साथ लोगों का समर्थन भी मिला, जिसके कारण इजरायल में ऑरेंज और ब्लू रिबन विरोध प्रदर्शन हुए.

ऑरेंज रिबन वाले वाहन वापसी योजना के विरोध या अस्वीकृति का प्रतीक थे, जबकि ब्लू रिबन प्रक्रिया के लिए समर्थन का संकेत देते थे. हालांकि, पीएम शेरोन ने इस योजना को "शांति प्रक्रिया में गतिरोध" को तोड़ने के लिए एक साहसिक पहल बताया.

हमास-फतह संघर्ष में शांति की कोई उम्मीद नहीं

गाजा से इजरायल की वापसी को शांति प्रक्रिया की दिशा में एक कदम के रूप में दिखाया गया था. लेकिन साल 2006 में  हमास ने फिलिस्तीनी विधान परिषद चुनाव में बहुमत हासिल किया, जिससे फिलिस्तीनी राजनीति में एक नाटकीय बदलाव आया और फतह के विकल्प के रूप में हमास गुट का उदय हुआ, जो अब वेस्ट बैंक में शासन करता है. डिसएंगेजमेंट  योजना का परिणाम कल्पना से बिल्कुल अलग था. 

इज़राइल और मिस्र ने गाजा पट्टी से लोगों की आवाजाही को प्रतिबंधित करने के लिए सख्त सीमा नियंत्रण और उपाय लागू किए हैं. गाजा में भूमध्य सागर के किनारे का इस्तेमाल कथित तौर पर क्षेत्र में हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति के लिए किया जाता है. हालांकि ईरान हमास का समर्थन करने में किसी भी भूमिका से इनकार करता रहा है. 

गाजा पर 'पूर्ण नियंत्रण' की अलोचना

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इजरायल पर हमास के हमलों की निंदा की लेकिन "गाजा पर पूर्ण नियंत्रण" के इज़रायल के आदेश पर चिंता भी जताई. गुटेरेस ने कहा कि सैन्य अभियान "अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के अनुसार सख्ती से" संचालित किया जाना चाहिए. इज़रायली सरकार बदला लेने पर आमादा है और उसने हमास को ख़त्म करने की कसम खाई है.

बता दें कि अमेरिका इजरायल का समर्थन कर रहा है. राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हमास हमलों की निंदा करते हुए इजरायल को पूर्ण समर्थन देने की घोषणा की थी. हालात से निपटने के लिए मदद के तौर पर सैन्य मदद भी इजरायल को भेजी है.
 

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