ऑस्ट्रेलिया के विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली एक बांग्लादेशी छात्रा को 42 साल जेल की सजा सुनाई गई. उसने आईएसआईएस (ISIS) के नाम पर अपने मकान मालिक की चाकू से वार कर हत्या करने की कोशिश की थी.
मोमेना शोमा (26) ने आतंकवादी गतिविधि में शामिल होने और सोते हुए मकान मालिक के गले पर चाकू से वार करने की बात कबूल की. घटना से महज आठ दिन पहले वह ऑस्ट्रेलिया आई थी.
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विक्टोरिया प्रांत के उच्चतम न्यायालय में सजा सुनाए जाने के दौरान शोमा ने नकाब पहन रखा था और उसकी सिर्फ आंखें नजर आ रही थीं. फैसला सुनाए जाने के दौरान उसने ‘‘अल्लाह हू अकबर'' का नारा लगाया. पीड़ित मकान मालिक रोजर सिंगारावेलू हमले में जीवित बच गये थे और सजा सुनाये जाने के दौरान वह भी अदालत में उपस्थित थे.
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न्यायाधीश लेसली टेलर ने शोमा को 42 साल जेल की सजा सुनाते हुए कहा, ‘‘तुम जिस मंशा के साथ आयी हो और तुम्हारे काम तथा बयान डर पैदा करने वाले हैं.'' सजा के दौरान उसे 31 वर्ष छह महीने तक परोल नहीं मिलेगी.
इनपुट - भाषा
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