शिकागो:
मुंबई आतंकवादी हमला मामले में आरोपी और पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक तहव्वुर हुसैन राणा ने अदालत में कहा कि उसने आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा के कहने पर नहीं बल्कि पाकिस्तान सरकार और उसकी जासूसी एजेंसी आईएसआई के कहने पर आतंकवादियों की मदद की थी। अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, राणा ने अपने बचाव में कहा कि उसने आतंकवादियों को मदद करने की कथित अवैध कार्रवाई पाकिस्तानी सरकार और आईएसआई के कहने पर की थी, न कि आतंकी संगठन लश्कर के कहने पर। कनाडा के अखबार द ग्लोब एंड मेल ने ये दस्तावेज प्रकाशित किए हैं। राणा के खिलाफ सुनवाई 16 मई से होगी। सुनवाई एक माह चलने की संभावना है। दस्तावेजों के अनुसार, राणा ने अपने बचाव में कहा कि आईएसआई को भारत में पाकिस्तान के हितों की रक्षा के लिए काम करने का अधिकार है। लोक प्राधिकार बचाव के तहत दलीलों के जरिये अपना बचाव करने की कोशिश में राणा ने तर्क दिया कि उसने जो किया, वह सरकार के कहने पर किया। उसने कहा कि उसने पाकिस्तानी सरकार और आईएसआई के प्राधिकारियों चाहे वास्तविक हो या परोक्ष... के कहने पर ऐसा किया। लोक प्राधिकार बचाव के तहत प्रतिवादी यह साबित करने की कोशिश करता है कि उसने जो कुछ किया, वह सरकार की पहल पर ही किया है। वैसे राणा ने इस मामले के सहआरोपी और लश्कर के एक कार्यकर्ता डेविड हेडली की गवाही पर भी भरोसा जताया। हेडली ने आतंकवादी हमले के लिए वित्त व्यवस्था में एक सैन्य अधिकारी मेजर इकबाल की संलिप्तता की बात कही थी। हेडली को राणा के खिलाफ गवाह के तौर पर पेश किया जा सकता है।
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