ईरान के राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद ने इस्लामी क्रांति की 33वीं वर्षगांठ पर शनिवार को कहा कि उनका देश परमाणु क्षेत्र में अपनी बड़ी उपलब्धियों की शीघ्र ही घोषणा करेगा।
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तेहरान:
ईरान के राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद ने इस्लामी क्रांति की 33वीं वर्षगांठ पर शनिवार को कहा कि उनका देश परमाणु क्षेत्र में अपनी बड़ी उपलब्धियों की शीघ्र ही घोषणा करेगा।
एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक राजधानी में एक सभा को सम्बोधित करते हुए अहमदीनेजाद ने कहा, "आने वाले दिनों में, विश्व परमाणु क्षेत्र में कई बड़ी उपलब्धियों की घोषणा का गवाह बनेगा।"
वर्ष 1979 की क्रांति की वर्षगांठ मनाने के लिए तेहरान के आजादी चौक पर हजारों की संख्या में जुटे ईरानी नागरिकों ने अमेरिका और इजरायल विरोधी नारे लगाए। इस क्रांति ने देश के शासक शाह को अपदस्थ किया था।
अहमदीनेजाद ने यह भी कहा कि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम पर पश्चिमी दबावों के आगे नहीं झुकेगा।
ज्ञात हो कि पश्चिमी देशों को आशंका है कि ईरान एक गोपनीय परमाणु हथियार कार्यक्रम पर काम कर रहा है लेकिन तेहरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम असैन्य उद्देश्यों के लिए है। अपने परमाणु कार्यक्रमों को लेकर ईरान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रतिबंधों का सामना भी करना पड़ रहा है।
ईरान की परमाणु गतिविधियों पर तनाव उस समय और बढ़ गया जब तेहरान ने घोषणा की कि कोम शहर के पास एक संयंत्र में उसने एक परमाणु संवर्धन कार्यक्रम की शुरुआत की है।
ईरान से तेल आयात पर यूरोपीय देशों द्वारा प्रतिबंध लगाने के जवाब में तेहरान ने होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने की भी चेतावनी दी है। यह प्रतिबंध एक जुलाई से प्रभावी होगा।
उल्लेखनीय है कि तेल व्यापार की दृष्टि से होर्मुज जलडमरूमध्य का काफी महत्व है क्योंकि विश्व का करीब 40 प्रतिशत तेल इसी मार्ग से गुजरता है।
एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक राजधानी में एक सभा को सम्बोधित करते हुए अहमदीनेजाद ने कहा, "आने वाले दिनों में, विश्व परमाणु क्षेत्र में कई बड़ी उपलब्धियों की घोषणा का गवाह बनेगा।"
वर्ष 1979 की क्रांति की वर्षगांठ मनाने के लिए तेहरान के आजादी चौक पर हजारों की संख्या में जुटे ईरानी नागरिकों ने अमेरिका और इजरायल विरोधी नारे लगाए। इस क्रांति ने देश के शासक शाह को अपदस्थ किया था।
अहमदीनेजाद ने यह भी कहा कि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम पर पश्चिमी दबावों के आगे नहीं झुकेगा।
ज्ञात हो कि पश्चिमी देशों को आशंका है कि ईरान एक गोपनीय परमाणु हथियार कार्यक्रम पर काम कर रहा है लेकिन तेहरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम असैन्य उद्देश्यों के लिए है। अपने परमाणु कार्यक्रमों को लेकर ईरान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रतिबंधों का सामना भी करना पड़ रहा है।
ईरान की परमाणु गतिविधियों पर तनाव उस समय और बढ़ गया जब तेहरान ने घोषणा की कि कोम शहर के पास एक संयंत्र में उसने एक परमाणु संवर्धन कार्यक्रम की शुरुआत की है।
ईरान से तेल आयात पर यूरोपीय देशों द्वारा प्रतिबंध लगाने के जवाब में तेहरान ने होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने की भी चेतावनी दी है। यह प्रतिबंध एक जुलाई से प्रभावी होगा।
उल्लेखनीय है कि तेल व्यापार की दृष्टि से होर्मुज जलडमरूमध्य का काफी महत्व है क्योंकि विश्व का करीब 40 प्रतिशत तेल इसी मार्ग से गुजरता है।