म्यूनिख:
ईरान ने विवादित परमाणु कार्यक्रम पर उससे सीधी बातचीत करने की अमेरिकी उपराष्ट्रपति जो बाइडेन की पेशकश पर सोमवार को सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की लेकिन साथ ही मांग की कि पश्चिमी देश उस पर दबाव डालना बंद करे।
ईरान के विदेश मंत्री अली अकबर सालेही ने बाइडेन के बयान को ‘सकारात्मक’ एवं ‘आगे की दिशा में कदम’ बताकर उसका स्वागत किया।
लेकिन इसी के साथ उन्होंने अपने देश का यह रूख दोहराया कि वह अमेरिका के साथ बातचीत के लिए तभी तैयार होगा जब वह समानता के आधार पर हो।
उन्होंने तीन दिवसीय म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन के अंतिम दिन करीब 400 प्रतिनिधियों से कहा, ‘‘दुर्भाग्य से हर बार जब हम बातचीत करते हैं तो यह दूसरा पक्ष ही है जो अपने वादों पर नहीं टिका रहता। ’’ बाइडेन ने कल कहा था कि ओबामा प्रशासन ईरान से उसके परमाणु गतिरोध पर सीधी बातचीत के लिए तैयार है बशर्ते ईरानी नेतृत्व उसे गंभीरता से ले।
ईरान के विदेश मंत्री अली अकबर सालेही ने बाइडेन के बयान को ‘सकारात्मक’ एवं ‘आगे की दिशा में कदम’ बताकर उसका स्वागत किया।
लेकिन इसी के साथ उन्होंने अपने देश का यह रूख दोहराया कि वह अमेरिका के साथ बातचीत के लिए तभी तैयार होगा जब वह समानता के आधार पर हो।
उन्होंने तीन दिवसीय म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन के अंतिम दिन करीब 400 प्रतिनिधियों से कहा, ‘‘दुर्भाग्य से हर बार जब हम बातचीत करते हैं तो यह दूसरा पक्ष ही है जो अपने वादों पर नहीं टिका रहता। ’’ बाइडेन ने कल कहा था कि ओबामा प्रशासन ईरान से उसके परमाणु गतिरोध पर सीधी बातचीत के लिए तैयार है बशर्ते ईरानी नेतृत्व उसे गंभीरता से ले।
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