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ईरान से कहो न… आखिर मदद के लिए चीन के पास क्यों गया अमेरिका?

Iran Israel War: ईरान अमेरिका के हमले का जवाब देने के लिए होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने का विकल्प चुन सकता है. यह एक ऐसा जलमार्ग है, जिसके माध्यम से वैश्विक तेल उत्पादन का पांचवां हिस्सा गुजरता है.

ईरान से कहो न… आखिर मदद के लिए चीन के पास क्यों गया अमेरिका?
Iran Israel War: ईरान-इजरायल के युद्ध में अमेरिका भी शामिल
  • अमेरिका ने चीन से ईरान के होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने से रोकने की मदद मांगी है.
  • विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि ईरान अमेरिका के हमले का जवाब दे सकता है.
  • होर्मुज जलडमरूमध्य वैश्विक तेल उत्पादन का 20% हिस्सा संचालित करता है.
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ईरान पर बम गिराने के बाद अमेरिका मदद मांगने चीन के पास गया है. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने रविवार, 22 जून को चीन से आग्रह किया कि वह ईरानी परमाणु स्थलों पर अमेरिकी हमलों (Iran Israel War) के बाद ईरान को एक महत्वपूर्ण व्यापार मार्ग होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने से रोकने में मदद करे. रुबियो ने फॉक्स न्यूज पर कहा, "मैं बीजिंग में चीनी सरकार को इस बारे में बात करने के लिए प्रोत्साहित करता हूं क्योंकि वे अपने तेल के लिए होर्मुज जलडमरूमध्य पर बहुत अधिक निर्भर हैं."

विश्लेषकों का मानना है कि ईरान अमेरिका के हमले का जवाब देने के लिए होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने का विकल्प चुन सकता है. यह एक ऐसा जलमार्ग है, जिसके माध्यम से वैश्विक तेल उत्पादन का पांचवां हिस्सा गुजरता है.

विदेश मंत्री रुबियो ने कहा कि, "अगर वे ऐसा करते हैं, तो यह एक और भयानक गलती होगी. अगर वे ऐसा करते हैं तो यह उनके लिए आर्थिक आत्महत्या है और हमारे पास इससे निपटने के लिए विकल्प मौजूद हैं."

उन्होंने कहा, "लेकिन अन्य देशों को भी इस पर ध्यान देना चाहिए, इससे अन्य देशों की अर्थव्यवस्थाओं को हमारी तुलना में बहुत अधिक नुकसान होगा. मुझे लगता है कि यह संघर्ष में एक बड़े पैमाने पर वृद्धि (massive escalation) होगी जिसके लिए प्रतिक्रिया की आवश्यकता होगी. न केवल हमारे द्वारा बल्कि दूसरों की ओर से भी."

इस बीच, ईरान ने अमेरिकी सेना द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले ठिकानों को धमकी दी है, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के एक सलाहकार ने कहा है कि उन्हें "हमारे सशस्त्र बलों के लिए वैध लक्ष्य" माना जाएगा. हालांकि, यह देखना बाकी है कि क्या अमेरिकी हमले तेहरान को संघर्ष को कम करने या इसे और अधिक बढ़ाने के लिए प्रेरित करेंगे.

चीन भी अमेरिकी हमलों की निंदा करने में रूस और अरब देशों के समूह में शामिल हो गया है और कहा है कि इससे "मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ा है.”

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